गाजीपुर: जंगीपुर-सुभाखरपुर उच्च प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्था के खिलाफ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी व किसान सभा, ब्लॉक इकाई सदर एवं मरदह ने सोमवार को सुबह 11 बजे से शाम तक धरना–प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता और मरीजों की जांच व्यवस्था अत्यंत दयनीय स्थिति में है।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि सुभाखरपुर स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक समय पर नहीं आते, साथ ही दवा वितरण और पैथोलॉजी जांच की पर्याप्त सुविधा भी नहीं है। प्रसव संबंधी व्यवस्थाएँ कमजोर होने से गर्भवती महिलाओं को अक्सर गाज़ीपुर रेफर करना पड़ता है। उपलब्ध जनरेटर भी आपातकाल के दौरान चालू नहीं किया जाता, जिससे मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
धरने के दौरान कुल 14 मांगें रखी गईं। प्रमुख मांगों में चिकित्सकों की नियमित नियुक्ति, प्रसव एवं प्रसवोत्तर देखभाल व्यवस्था सुधारने, पैथोलॉजी सुविधा सुनिश्चित करने, दवा वितरण में पारदर्शिता लाने, बेड की संख्या बढ़ाने तथा बाल रोग व शुगर रोग विशेषज्ञों की साप्ताहिक उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग शामिल थीं।
इसके अतिरिक्त आरीपुर हरिजन बस्ती की एक बच्ची की कथित चिकित्सीय लापरवाही से हुई मौत की जांच और परिजनों को मुआवजा देने की मांग भी उठाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव, पशुओं के टीकाकरण और लम्पी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाने की भी मांग की गई।
प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी से जनहित में शीघ्र कार्रवाई करने की अपील की। धरने के दौरान पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, जिला अध्यक्ष अशोक मिश्र, महामंत्री इम्तियाज बेग, जनार्दन राम, राजकुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।









