Search
Close this search box.

विरासत और विकास का अद्भुत संगम है काशी: छात्रा संचिता श्रीवास्तव

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

वाराणसी। संचिता श्रीवास्तव मास कम्युनिकेशन विभाग, एस.एम.एस. वाराणसी की छात्रा की छात्रा है, जो संपादक के नाम पत्र लिखती है, वो कहती है- विश्व की प्राचीनतम जीवित नगरी कही जाने वाली काशी आज एक बार फिर अपने गौरव के नए अध्याय लिख रही है। हाल के वर्षों में हुए व्यापक विकास कार्यों, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और आधुनिक सुविधाओं ने न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाया है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी काशी की पहचान को और अधिक सशक्त किया है।

विश्वनाथ धाम और गंगा तटों ने बढ़ाई आध्यात्मिक भव्यता

प्रधान आकर्षणों में विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का भव्य स्वरूप और गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण शामिल हैं, जिन्होंने काशी के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक वातावरण में नई ऊर्जा का संचार किया है। बदलते स्वरूप ने तीर्थयात्रियों, साधु-संतों, विद्वानों व पर्यटकों की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि की है।

सुविधाओं और स्वच्छता में बड़ा सुधार

शहर में परिवहन सुविधाओं का विस्तार, स्वच्छता अभियानों की सफलता, और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण ने काशी को विश्वस्तरीय तीर्थ-पर्यटन शहर के रूप में स्थापित किया है। धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से काशी की आत्मा—उसकी परंपरा और आस्था—को और मजबूती मिली है।

विरासत व विकास का संतुलन बना काशी की पहचान

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विकास कार्यों के साथ काशी की पुरातन विरासत का संतुलन बनाए रखने में प्रशासन सफल रहा है। इसी संतुलन ने काशी को सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक जीवंत सांस्कृतिक धरोहर के रूप में वैश्विक पहचान दिलाई है।

जनता से अपील

काशी की प्रगति को निरंतरता देने और इसकी सांस्कृतिक आत्मा की रक्षा के लिए नागरिकों से सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की गई है। पत्र लिखने वाली छात्रा ने आग्रह किया है कि काशी की उज्ज्वल दिशा में बढ़ते कदमों की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाई जाए।

Leave a Comment

और पढ़ें