सोनभद्र। झारखंड की ओर से निकली बिरसा संदेश रथ यात्रा बुधवार सुबह लगभग 10 बजे थाना क्षेत्र के झारखंड बॉर्डर पर पहुंची, जहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने रथ यात्रा का भव्य और उत्साहपूर्ण स्वागत किया। एबीवीपी के अमन कुमार जायसवाल दर्जनों युवाओं के साथ बॉर्डर पर मौजूद रहे और यात्रा का स्वागत करते हुए जयघोष किया।

एबीवीपी के अमन जायसवाल ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत में जनजातीय नायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आदिवासी समाज ने अंग्रेजों और विदेशी ताकतों के खिलाफ सबसे पहले विद्रोह का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने मात्र 25 वर्ष की आयु में समाज को अपनी मिट्टी, संस्कृति और परंपरा से जुड़ने का संदेश दिया था। वर्तमान समय में जनजातीय क्षेत्रों में धर्मांतरण और सांस्कृतिक विघटन जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं, जिनसे निपटने के लिए समाज को सजग होना अत्यंत आवश्यक है।”
भाजपा नेता रामनरेश पासवान ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने स्वतंत्रता, स्वाभिमान और सामाजिक चेतना की राह दिखाई। आज आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान के संकट से गुजर रहा है, जिसे समझने और सुधारने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि एबीवीपी के कार्यकर्ता बिरसा मुंडा के विचारों—शराबबंदी, स्वच्छता, सामाजिक सद्भाव और परिवार प्रबोधन—को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा, “बिरसा मुंडा का जीवन केवल जनजातीय समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
इसके बाद रथ यात्रा रांची–रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए हलवाई चौक, सुभाष तिराहा, काली मंदिर और मा सीता मंदिर तक पहुंची। पूरे मार्ग में कार्यकर्ताओं ने “भगवान बिरसा मुंडा की जय” के गगनभेदी नारों से माहौल को उत्साहपूर्ण बनाए रखा। रथ यात्रा आगे बुद्धि की ओर रवाना हुई।
मौके पर पूर्व मंडल अध्यक्ष राकेश कुमार केसरी उर्फ़ बुल्लू केसरी, संजय गुप्ता, लक्ष्मण मौर्य, ओमप्रकाश रावत, ग्राम प्रधान सुरेंद्र पासवान, राजेश रावत, राजू रंजन तिवारी, आनंद दुबे, लग्न उरांव सहित दर्जनों कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे।










