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बलिया: एससी-एसटी एक्ट मामले में पिता–पुत्र को तीन साल की सजा, ₹16,500 का अर्थदंड

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बलिया। एससी-एसटी एक्ट, मारपीट और गाली-गलौज के एक पुराने मामले में बलिया की विशेष अदालत ने एक पिता-पुत्र को दोषी पाते हुए तीन-तीन वर्ष के साधारण कारावास और कुल ₹16,500 के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल एवं अभियोजन विभाग की प्रभावी पैरवी के बाद सामने आया।

मामला थाना मनियर का है, जहां मुकदमा अपराध संख्या 225/2011 के तहत कार्यवाही की गई थी। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी) अपर सत्र न्यायालय, बलिया ने 19 नवंबर 2025 को अपना निर्णय सुनाया। दोषी ठहराए गए अभियुक्त सुदर्शन गुप्ता (पुत्र स्व. सुखदेव गुप्ता) तथा उनका पुत्र मंटू गुप्ता, निवासी रिगवन, थाना मनियर हैं।

अदालत का फैसला इस प्रकार रहा—

  • धारा 323/34 IPC:
    प्रत्येक अभियुक्त को 6 माह का कारावास एवं ₹500 अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर 15 दिन का अतिरिक्त कारावास।
  • धारा 504 IPC:
    1 वर्ष का कारावास तथा ₹1,000 अर्थदंड। भुगतान न करने पर 1 माह का अतिरिक्त कारावास।
  • धारा 506 IPC:
    3 वर्ष का कारावास तथा ₹3,000 अर्थदंड। अर्थदंड न देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास।
  • एससी-एसटी एक्ट धारा 3(1)(X):
    3 वर्ष का कारावास एवं ₹12,000 अर्थदंड। भुगतान न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास।

घटना का सार
अभियुक्तों पर आरोप था कि उन्होंने वादी और उसके भाई को जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया, गाली-गलौज की, जान से मारने की धमकी दी और लाठी-डंडों से मारपीट की। थाना मनियर पुलिस ने घटना के बाद आवश्यक विधिक कार्यवाही करते हुए विवेचना पूरी की। मामले में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार ओझा ने पैरवी की।

ब्यूरोचीफ – अवधेश यादव

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