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वाराणसी में बिजली कर्मचारियों का निजीकरण और स्मार्ट मीटर लगाने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन

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वाराणसी: विधुत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के बैनर तले चल रहा आंदोलन बुधवार को 359वें दिन भी जारी रहा। बनारस के बिजली कर्मचारियों ने बिजली के निजीकरण, संविदाकर्मियों की अनैतिक छटनी, कारपोरेशन के आदेशों तथा सरकार के साथ हुए समझौतों के उल्लंघन के खिलाफ अधीक्षण अभियंता कार्यालय, सिगरा पर जोरदार नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

स्मार्ट मीटर लगाने के दबाव पर तीखी आपत्ति

वक्ताओं ने कहा कि 25 जनवरी 2000 को संघर्ष समिति और यूपी सरकार के बीच हुए समझौते में स्पष्ट लिखा है कि कर्मचारियों को मिलने वाली कल्याणकारी योजनाएं पूर्ववत लागू रहेंगी। इसके बावजूद अधीक्षण अभियंता स्तर से बिजली कर्मचारियों के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का दबाव बनाया जा रहा है, जिससे न केवल कर्मचारी बल्कि आम जनता भी नाराज है।

संविदा कर्मियों की कम संख्या पर आक्रोश

कारपोरेशन के आदेश संख्या 295 के अनुसार नगरीय विद्युत वितरण मंडल-द्वितीय, वाराणसी में 677 कुशल व अकुशल श्रमिकों की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन वर्तमान टेंडर में केवल 489 कर्मचारियों की ही व्यवस्था की गई है। इससे लगभग 150 संविदाकर्मियों की संभावित छटनी को लेकर भारी आक्रोश है। संघर्ष समिति ने विभाग को एक सप्ताह का समय देते हुए चेतावनी दी है कि यदि कर्मचारियों को हटाया गया तो कड़ा आंदोलन होगा।

समझौतों के उल्लंघन से कर्मचारियों का भरोसा टूटा

वक्ताओं ने कहा कि ऊर्जा प्रबंधन द्वारा 2000,2020, 2022, 2023 में हुए लिखित समझौतों का लगातार उल्लंघन किया गया है। ऐसे में कर्मचारियों का विभाग पर भरोसा खत्म होता जा रहा है।

निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी समर्थन

पिछले एक साल से पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन को देशभर के बिजली कर्मचारियों का समर्थन मिल रहा है। कई बार राष्ट्रीय स्तर पर हड़तालें भी हो चुकी हैं।

27 नवंबर को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन

आंदोलन के एक साल पूरे होने पर 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि जब तक निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता और कर्मचारियों पर की गई सभी कार्रवाईयां रद्द नहीं हो जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

सभा को संबोधित करने वाले प्रमुख वक्ता

आर.के. वाही, ई. मायाशंकर तिवारी, ई. एस.के. सिंह, ओ.पी. सिंह, संदीप कुमार, राजेश सिंह, जयप्रकाश, हेमंत श्रीवास्तव, मनोज जैसवाल, मनोज यादव, ई. नवदीप सैनी, रजनीश श्रीवास्तव, उदयभान दुबे, रंजीत पटेल सहित अन्य पदाधिकारियों ने विरोध सभा को संबोधित किया।

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