यूपी सरकार अब प्रदेश के सभी गांवों की जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने जा रही है। आधुनिक सेटेलाइट तकनीक की मदद से खेत, घर और सभी जमीनों को सटीकता के साथ ऑनलाइन मैप में टैग किया जाएगा। इससे न केवल जमीन संबंधी विवाद कम होंगे, बल्कि गाटा नंबर डालते ही कोई भी व्यक्ति सीधे खेत या घर की लोकेशन तक पहुंच सकेगा।
पूरे प्रदेश के 57,694 गांव होंगे डिजिटल
राज्य की सभी 57,694 ग्राम पंचायतों को डिजिटल मैपिंग के दायरे में लाया जा रहा है। अब तक गांवों के नक्शे केवल लेखपालों के पास होते थे, लेकिन परियोजना पूरी होने के बाद ये नक्शे आम लोगों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
15–30 सेमी की हाई-प्रिसीजन मैपिंग
सेटेलाइट और आधुनिक सर्वे तकनीक की मदद से प्रत्येक गांव का नक्शा 15 से 30 सेंटीमीटर की सटीकता के साथ तैयार किया जाएगा।
इससे हर गाटा की सीमाएं बिल्कुल साफ दिखेंगी और रकबा भी मैप पर स्पष्ट प्रदर्शित होगा।
गाटा नंबर डालते ही पहुंचे खेत/घर तक
नई सुविधा के बाद किसी व्यक्ति को केवल गाटा नंबर डालना होगा, और मैप सीधे उसे संबंधित खेत या घर की लोकेशन तक ले जाएगा। यह सुविधा ग्रामीणों के लिए जमीन की पहचान और सत्यापन को बेहद आसान बनाएगी।
सीमा विवाद होंगे खत्म
डिजिटल मैपिंग के बाद गांव की सीमाओं और खेतों के निशानों को लेकर होने वाले विवाद काफी हद तक समाप्त होने की उम्मीद है।
सटीक नक्शे राजस्व एवं कानूनी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ाएंगे।
अन्य राज्यों में भी शुरू हो चुकी प्रक्रिया
कर्नाटक में यह डिजिटल सुविधा आंशिक रूप से लागू है। यूपी में इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जा रहा है, जिससे यह देश का सबसे बड़ा ग्रामीण डिजिटल मैपिंग प्रोजेक्ट बनने जा रहा है।










