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बार एसोसिएशन चुनाव पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बार काउंसिल को नहीं है चुनाव स्थगित करने का अधिकार

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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बार एसोसिएशनों के चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश को बार एसोसिएशनों के चुनाव स्थगित करने का कोई अधिकार नहीं है। यह फैसला बार काउंसिल ऑफ यूपी द्वारा 27 अक्टूबर 2025 को जारी उस सर्कुलर के संदर्भ में आया है, जिसमें 15 नवंबर से 15 फरवरी तक सभी बार एसोसिएशनों के चुनाव स्थगित रखने का निर्देश दिया गया था।

इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के जॉइंट सेक्रेटरी बैरिस्टर सिंह ने बताया कि बार काउंसिल के अंतर्गत आने वाली 12 एसोसिएशनों के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिनमें से अधिकांश बाद में वापस ले ली गईं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 5 दिसंबर को हुई, जबकि हाईकोर्ट में मोहम्मद आरिफ बनाम स्टेट ऑफ यूपी मामले में 8 दिसंबर को विस्तृत बहस हुई।

इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं सीनियर एडवोकेट राकेश पांडे, बैरिस्टर सिंह सहित अन्य अधिवक्ताओं ने प्रभावी पैरवी की। अदालत में यह तर्क रखा गया कि बार एसोसिएशंस सोसाइटी एक्ट के तहत संचालित होती हैं और बार काउंसिल को उनके चुनाव में हस्तक्षेप करने का कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। हाईकोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया कि बार एसोसिएशनों के चुनाव नहीं रोके जाएंगे।

बैरिस्टर सिंह ने बताया कि पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अपने चुनाव भी रुके हुए थे, लेकिन अब देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव की तिथियां घोषित की जा रही हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले से अधिवक्ता समुदाय में राहत की भावना है।

उन्होंने सभी चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और अधिवक्ताओं से अपील की कि चुनाव जीतने के बाद अधिवक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करें और बार के हित में सकारात्मक भूमिका निभाएं। बैरिस्टर सिंह ने न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय के लिए सभी अधिवक्ता अदालत की शरण लेते हैं और यह निर्णय अधिवक्ता समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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