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डिग्री का मोह छोड़ो- हुनर सीखो, भारत की शिक्षा प्रणाली पर रघुराम राजन ने जताई चिंता

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नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत की शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस तेजी से बदलते दौर में भी प्लंबर जैसे हाथों से किए जाने वाले काम खत्म नहीं होंगे, लेकिन भारत की मौजूदा शिक्षा प्रणाली बच्चों को ऐसे व्यावहारिक कार्यों के लिए तैयार नहीं कर रही है।

एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान रघुराम राजन ने कहा कि भारत AI के भविष्य की ओर तो बढ़ रहा है, लेकिन उसकी वर्कफोर्स (कामकाजी आबादी) पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में कई लोग कुपोषण जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं, जो कार्यक्षमता को प्रभावित करती हैं।

राजन ने जोर देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित न रखकर प्रैक्टिकल स्किल्स पर केंद्रित किया जाए। युवाओं को इस बात के लिए तैयार करना जरूरी है कि वे वास्तविक दुनिया की जरूरतों के अनुसार काम कर सकें।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हमेशा हाथों से काम करने की जरूरत रहेगी। AI के युग में भी प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और तकनीकी श्रमिकों जैसे पेशे खत्म नहीं होंगे। ऐसे में शिक्षा प्रणाली को इस दिशा में सोचना होगा कि युवाओं को रोजगार के लिए कैसे बेहतर ढंग से तैयार किया जाए।

रघुराम राजन के इस बयान को देश में शिक्षा सुधार और कौशल विकास पर एक अहम चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है, जो नीति निर्माताओं और समाज—दोनों के लिए सोचने का विषय है।

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