वाराणसी: विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सारनाथ में अनाधिकृत टूरिस्ट गाइडों द्वारा पर्यटकों और स्थानीय व्यापारियों के शोषण के आरोप लगाते हुए पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। संगठन ने जबरन वसूली, दादागिरी और सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने की शिकायत की है।
ज्ञापन में बताया गया कि वाराणसी जनपद में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सारनाथ के सौंदर्यीकरण पर सरकार द्वारा भारी धनराशि खर्च की गई है, ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और स्थानीय गरीब व बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकें। बावजूद इसके, कुछ स्थानीय दबंग लोगों ने इस क्षेत्र को अपना निजी क्षेत्र बना लिया है।
संगठन का आरोप है कि सारनाथ से लगभग दो किलोमीटर पहले से लेकर सारनाथ थाने के मोड़ तक सड़क किनारे बने सरकारी फुटपाथों पर करीब 500 की संख्या में अनाधिकृत टूरिस्ट गाइड कुर्सियां लगाकर बैठते हैं। इन्हें क्षेत्र के दबंग लोगों का संरक्षण प्राप्त है। ये गाइड बाहरी नंबर प्लेट की गाड़ियों को जबरन रोकते हैं, सड़क किनारे खड़ा करवाते हैं और अवैध रूप से 100 रुपये तक की वसूली पार्किंग के नाम पर करते हैं।
इतना ही नहीं, ये लोग पर्यटकों को भ्रमित कर उन्हें घुमाने के बाद अपने संरक्षक के होटल या प्रतिष्ठान में ले जाते हैं, जहां से इन्हें मोटा कमीशन मिलता है। इस अवैध गतिविधि के कारण पर्यटकों के लिए सेवाएं और उत्पाद कई गुना महंगे हो जाते हैं। साथ ही, अधिकांश लेनदेन नकद में होने से सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि जहां-जहां ये अनाधिकृत गाइड कुर्सी लगाकर बैठते हैं, उसे अपना ‘अधिकृत क्षेत्र’ मानते हैं और वहां किसी लाइसेंस प्राप्त गाइड या अन्य व्यक्ति को काम नहीं करने देते।
विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने प्रशासन से मांग की है कि अनाधिकृत गाइडों पर सख्त कार्रवाई की जाए और सारनाथ की पर्यटन व्यवस्था को व्यवस्थित किया जाए, ताकि पर्यटकों और स्थानीय व्यापारियों को राहत मिल सके।








