वाराणसी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश का लोकतंत्र गंभीर संकट से गुजर रहा है और केंद्र की भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय के माध्यम से कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फर्जी और मनगढ़ंत मामलों में फंसाया जा रहा है, जो राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है।
कांग्रेस के अनुसार, प्रादेशिक नेतृत्व के निर्देश पर वाराणसी में एक लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण चेतावनी प्रदर्शन प्रस्तावित था। कार्यक्रम के तहत मलदहिया स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर एकत्र होकर सिगरा स्थित भाजपा कार्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया जाना था। लेकिन प्रदर्शन से पहले ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष युवा कांग्रेस चंचल शर्मा सहित कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रामनगर थाना क्षेत्र में संतोष चौरसिया, राजूराम, गिरीश पांडेय, आशीष पटेल समेत कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर थाने में बैठाया गया। वहीं सिगरा थाने में प्रदेश प्रवक्ता संजीव सिंह, पुलक त्रिपाठी सहित अन्य कांग्रेसजनों को हिरासत में लिया गया।
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुलिसकर्मियों को गुलाब का फूल भेंट कर शांतिपूर्ण विरोध का निर्णय लिया था, लेकिन सरकार के दबाव में पुलिस ने फूल तक स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार जनआक्रोश और सच्चाई से डर चुकी है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ईडी, सीबीआई जैसी संस्थाओं को विपक्ष को डराने और राजनीतिक बदले के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो लोकतंत्र और संविधान की आत्मा पर सीधा हमला है। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद नहीं हुआ तो कांग्रेस सड़क से लेकर संसद तक लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष को और तेज करेगी।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि नजरबंदी, गिरफ्तारी और दमन से विपक्ष की आवाज दबाई नहीं जा सकती। पार्टी संविधान, लोकतंत्र और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी।









