जयपुर की एक वाणिज्यिक अदालत के जज दिनेश कुमार गुप्ता द्वारा अडानी समूह से जुड़ी एक कंपनी के खिलाफ करीब 1,400 करोड़ रुपये की कथित अनुचित वसूली को लेकर अहम फैसला सुनाए जाने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, जज दिनेश कुमार गुप्ता ने अपने आदेश में कंपनी की वसूली प्रक्रिया को नियमों के विरुद्ध बताते हुए राहत दी थी। हालांकि, उसी दिन राज्य सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया, जिस पर न्यायिक और राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे।
इसके बाद मामले में नया मोड़ तब आया जब राजस्थान हाईकोर्ट ने जज दिनेश कुमार गुप्ता द्वारा दिए गए आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। हाईकोर्ट के इस कदम के बाद फिलहाल निचली अदालत का फैसला प्रभावी नहीं रहेगा।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विपक्ष और विभिन्न संगठनों ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और प्रशासनिक हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है, वहीं सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई विस्तृत आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। मामला अब हाईकोर्ट के अंतिम निर्णय पर टिका हुआ है।









