नैनीताल।‘श्रद्धा वॉकर हत्याकांड’ जैसी दरिंदगी से पूरे देश को झकझोर देने वाले अनुपमा गुलाटी मर्डर केस में इंसाफ की एक और बड़ी मुहर लग गई है। नैनीताल हाई कोर्ट ने अपनी पत्नी की निर्मम हत्या के दोषी सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी को सुनाई गई उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है।
करीब 12 साल पहले सामने आए इस सनसनीखेज मामले में राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर उसके शव के 72 टुकड़े कर दिए थे। इस जघन्य अपराध को लेकर निचली अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसे चुनौती देते हुए दोषी ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।
मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने अपराध की अत्यधिक क्रूरता और अमानवीयता को रेखांकित करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की नरमी की कोई गुंजाइश नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया कि निचली अदालत का फैसला पूरी तरह से न्यायसंगत है और उसमें हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं बनता।
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार को न्याय की एक और पुष्टि मिली है, वहीं यह निर्णय समाज को यह संदेश भी देता है कि महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों में कानून सख्ती से पेश आएगा।









