बलिया: बेल्थरारोड उभांव थाना क्षेत्र के आजाद नगर निवासी समीर यादव उर्फ मन्टू की मौत के बाद शुक्रवार को इलाके में तनाव का माहौल बन गया। लखनऊ से बृहस्पतिवार देर रात शव घर पहुंचने के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया और न्याय व कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।
परिजनों का आरोप था कि मऊ जनपद के रामपुर थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज करने में गंभीर लापरवाही बरती और समय रहते कार्रवाई नहीं की। साथ ही हत्यारों की गिरफ्तारी, दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई और मुआवजा दिए जाने की मांग की गई। समीर की मां रमावती देवी शव के साथ दरवाजे पर धरने पर बैठ गईं। इस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी मौके पर पहुंच गए।
सूचना मिलने पर मऊ के मधुबन से न्यायिक एसडीएम दीपक कुमार, सीओ अभय सिंह, बेल्थरारोड के एसडीएम शरद चौधरी और सीओ आलोक गुप्ता मौके पर पहुंचे। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रामपुर थाना प्रभारी कंचन मौर्या को लाइन हाजिर कर दिया। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए।
गौरतलब है कि बेल्थरारोड निवासी आयुष यादव हत्याकांड से करीब 18 दिन पहले, 25 नवंबर को मऊ के मधुबन क्षेत्र में कार सवार बदमाशों ने समीर यादव की बेरहमी से पिटाई कर उसे अधमरा कर दिया था। माना जा रहा है कि इस घटना में आयुष हत्याकांड का आरोपी रॉबिन सिंह भी शामिल था। गंभीर रूप से घायल समीर का इलाज लखनऊ के एक अस्पताल में चल रहा था।
परिजनों का आरोप है कि तहरीर देने के बावजूद रामपुर थाना पुलिस ने 11 दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की और इस दौरान उनके साथ बदसलूकी भी की गई। घटना के 22 दिन बाद इलाज के दौरान समीर की मौत हो गई।
शव घर पहुंचने के बाद करीब साढ़े छह घंटे तक धरना चला। मधुबन के एसडीएम दीपक कुमार ने डीएम मऊ से मोबाइल पर परिजनों की बातचीत करवाई। साथ ही एसपी मऊ के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी को लाइन हाजिर किया गया। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और हत्यारों की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया।
इसके बाद शाम करीब चार बजे सरयू नदी के तट पर समीर यादव का अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई रामप्रवेश यादव ने चिता को मुखाग्नि दी।
बलिया ब्यूरो – अवधेश यादव









