वाराणसी। बजरंग दल एवं दुर्गावाहिनी के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर वहां हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस्लामी जिहादी गतिविधियों में लगातार वृद्धि हुई है, जिसके निशाने पर हिंदू समुदाय, उनके मंदिर, व्यापारिक प्रतिष्ठान, महिलाएं, संपत्ति, सरकारी कर्मचारी और पत्रकार हैं।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि गत सप्ताह बांग्लादेश के मेमन सिंह जिले के भालुका क्षेत्र में एक सामान्य हिंदू श्रमिक दीपू दास की निर्मम हत्या कर दी गई, जिसने पूरी मानवता को शर्मसार कर दिया। बताया गया कि एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान दीपू दास ने ईश्वर के एक होने और उसके विभिन्न रूपों व नामों की बात कही थी, जिसका इस्लाम, कुरान या अल्लाह से कोई संदर्भ नहीं था। इसके बावजूद उस पर झूठा ईशनिंदा का आरोप लगाकर जिहादी तत्वों ने पहले प्रताड़ित किया और फिर भीड़ ने पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी।
आरोप है कि हत्या के बाद आतंक फैलाने के उद्देश्य से शव को पेड़ पर लटकाकर जलाया गया और इस बर्बर घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पूरी घटना पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में हुई, लेकिन उसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया। उनका आरोप है कि बांग्लादेश का शासन और प्रशासन इस हिंसा पर मौन साधे हुए है, जिससे जिहादी तत्वों को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा मिल रहा है।
बजरंग दल, दुर्गावाहिनी एवं विहिप से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कहा कि अल्पसंख्यकों के मानवीय अधिकारों का इस प्रकार खुला उल्लंघन सभ्य समाज के खिलाफ गंभीर अपराध है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से मांग की कि हिंदू विरोधी हिंसा पर तत्काल रोक लगाई जाए, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें सख्त सजा दिलाई जाए।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से सत्य प्रकाश सिंह (प्रांत सहमंत्री), निखिल त्रिपाठी (प्रांत गौरक्षा प्रमुख), कन्हैया सिंह (विभाग मंत्री, काशी विभाग), उमेश, पवन, विनय, धीरू (उपाध्यक्ष), दीपक, नितिश सिंह, प्रवेश मिश्रा, यतेन्द्र महाराज, रमेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।








