Varanasi: काशी में प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज से क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलने की संभावना है। यह ब्रिज शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ वाराणसी को चंदौली, बिहार और झारखंड से बेहतर तरीके से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने दौरे के दौरान इस ब्रिज का जिक्र किया. 2500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस सिग्नेचर ब्रिज को 2028 तक तैयार कर लिया जाएगा।
यह ब्रिज गंगा नदी पर बनाया जाएगा, जो शहर के उत्तर और दक्षिण क्षेत्रों को जोड़ने का काम करेगा। अभी वाराणसी और इसके आसपास के इलाकों में यातायात का दबाव काफी अधिक है, विशेषकर गंगा पार जाने वाली सड़कों पर। सिग्नेचर ब्रिज के बनने से यह दबाव कम होगा, जिससे लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इसके साथ ही वाराणसी से चंदौली, बिहार और झारखंड की ओर जाने वाली यात्राएं भी सुगम होंगी, क्योंकि यह ब्रिज यात्रियों को वैकल्पिक और तेज मार्ग प्रदान करेगा।
इसके अलावा, सिग्नेचर ब्रिज का निर्माण काशी के शहरी विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस नए संपर्क मार्ग से वाराणसी के व्यापार, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। ब्रिज के आस-पास के क्षेत्रों में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हालिया भाषण में इस परियोजना का उल्लेख करते हुए इसके महत्व पर जोर दिया और कहा कि इससे काशी को नई ऊंचाई मिलेगी। यह ब्रिज न केवल एक संरचना होगा, बल्कि क्षेत्रीय प्रगति का प्रतीक बनेगा, जो काशी के भविष्य को और उज्ज्वल बनाएगा।

Author: Ujala Sanchar
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