डायबिटीज या मधुमेह आजकल की सबसे आम बीमारियों में से एक है, जो पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है। यह बीमारी न केवल जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि इसके साथ कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी जुड़ी होती हैं। हालांकि, डायबिटीज को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे प्रभावी तरीके से नियंत्रित करना संभव है। आयुर्वेद में कई ऐसे देसी इलाज और उपाय बताए गए हैं, जिनसे ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। आज हम इन्हीं आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में जानेंगे, जो डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं।
डायबिटीज क्या है और कैसे होता है?
डायबिटीज तब होती है जब शरीर के पैंक्रियाज (अग्न्याशय) इंसुलिन नामक हार्मोन का उत्पादन करना बंद कर देते हैं या बहुत कम मात्रा में बनाने लगते हैं। इंसुलिन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है। जब इंसुलिन कम बनता है, तो शरीर में शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिससे धीरे-धीरे विभिन्न अंग प्रभावित होते हैं। लंबे समय तक डायबिटीज बनी रहने से दिल, किडनी, आंखों और लंग्स की समस्याएं होने लगती हैं।
हालांकि, एक स्वस्थ जीवनशैली, सही डाइट और आयुर्वेदिक उपचारों की मदद से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे, जिनसे आप डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं।
आंवला: डायबिटीज के लिए चमत्कारी जड़ी बूटी
आंवला, जिसे भारतीय गूसबेरी भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक चमत्कारी जड़ी बूटी मानी गई है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। डायबिटीज के मरीजों को रोजाना आंवला का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
आंवला के फायदे
- इंसुलिन अवशोषण में मदद: आंवला इंसुलिन को अवशोषित करने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे शरीर ब्लड शुगर को सही स्तर पर बनाए रखता है।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण: आंवला में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं, जो डायबिटीज की जटिलताओं को कम करता है।
- इम्यूनिटी को बढ़ावा: आंवला न केवल शुगर को कंट्रोल करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है।
रोजाना आंवला का जूस पीने से आप न केवल डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि पूरे शरीर को स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है।
त्रिफला चूर्ण: आयुर्वेद का अद्भुत उपहार
त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण नुस्खा है, जिसमें तीन प्रमुख जड़ी बूटियाँ—हरीतकी, आंवला और बिभीतकी शामिल होती हैं। त्रिफला का उपयोग न केवल पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए किया जाता है, बल्कि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी सहायक है।
त्रिफला के लाभ
- ब्लड शुगर कम करता है: त्रिफला ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है और इसे लंबे समय तक नियंत्रण में रखता है।
- पाचन सुधारता है: यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों में पाचन संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
- वजन कम करता है: त्रिफला वजन कम करने में भी मददगार होता है, जो डायबिटीज के रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वजन कम करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
- एंटीऑक्सीडेंट गुण: त्रिफला में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं और शुगर के कारण होने वाली अन्य समस्याओं से बचाव करते हैं।
प्रतिदिन त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से आप न केवल अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं, बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत कर सकते हैं।
छाछ और एलोवेरा: ब्लड शुगर कंट्रोल का सरल उपाय
एलोवेरा के औषधीय गुणों से तो हर कोई परिचित है, लेकिन अगर इसे छाछ के साथ मिलाकर पिया जाए, तो यह डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
एलोवेरा और छाछ के फायदे
- ब्लड शुगर कंट्रोल: एलोवेरा और छाछ का संयोजन 300 mg/dl तक के ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल करने में मदद कर सकता है।
- पाचन सुधार: छाछ पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है, जिससे शरीर को सही ढंग से पोषण मिलता है और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।
- इंफ्लेमेशन कम करता है: एलोवेरा के गुण शरीर में सूजन और जलन को कम करते हैं, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
आप एलोवेरा की ताजा पत्तियों से जेल निकालकर इसे छाछ में मिलाकर रोजाना पी सकते हैं। इससे ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहेगा और आपकी सेहत भी बेहतर होगी।
योग और आयुर्वेदिक उपाय: शुगर नियंत्रण का दीर्घकालिक समाधान
योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार, योग और आयुर्वेदिक दवाओं के सहारे डायबिटीज को हमेशा के लिए कंट्रोल में रखा जा सकता है। कुछ योगासन और प्राणायाम से न केवल शरीर की ऊर्जा बढ़ती है, बल्कि ब्लड शुगर भी नियंत्रण में रहता है।
योग से डायबिटीज कंट्रोल के फायदे
- प्राणायाम: प्राणायाम से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है।
- योगासन: नियमित योगासन करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, जिससे शुगर को कंट्रोल करना आसान हो जाता है।
- आयुर्वेदिक दवाएं: बाबा रामदेव के अनुसार, कुछ खास आयुर्वेदिक दवाएं, जैसे कि गुड़मार, मेथी और जामुन के बीज, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
डायबिटीज को खत्म करने के लिए कोई जादुई इलाज नहीं है, लेकिन आयुर्वेद और स्वस्थ जीवनशैली के सहारे इसे जीवनभर के लिए कंट्रोल में रखा जा सकता है।

Author: Ujala Sanchar
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