वाराणसी: यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं 24 फरवरी 2025 से शुरू होकर 12 मार्च तक चलेंगी। बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्रों का निर्धारण कर दिया गया है। हालांकि इसमें बड़ी लापरवाही सामने आई है। कई स्कूलों की दूरी निर्धारित सीमा से अधिक है, जबकि कुछ स्कूलों में पर्याप्त सुविधाओं का भी अभाव है।
परीक्षा केंद्र निर्धारण में स्पष्ट निर्देश हैं कि केंद्रों की दूरी ब्लॉक से अधिकतम 12 किमी होनी चाहिए। बावजूद इसके, कई स्कूल ऐसे हैं जो 20-25 किमी दूर बनाए गए हैं। लालपुर, बड़ागांव, और खरगुपुर जैसे क्षेत्रों के 18 स्कूलों में छात्रों के बैठने के लिए पर्याप्त कक्ष नहीं हैं, फिर भी उन्हें परीक्षा केंद्र बनाया गया है। कई केंद्र ऐसे भी हैं जहां स्टाफ और आवश्यक सुविधाओं की कमी है।
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कुल 146 आपत्तियां दर्ज की गई हैं। इनमें 60 स्कूलों की दूरी अधिक होने, 18 स्कूलों में कक्ष न होने, और 18 अन्य में स्टाफ या कैमरे जैसी सुविधाओं की कमी होने की शिकायतें शामिल हैं। वहीं, 50 शिकायतें उन विद्यालयों से आई हैं जहां सभी सुविधाएं होने के बावजूद उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया।
इन शिकायतों के निस्तारण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। इसमें जिलाधिकारी, पुलिस अधिकारी, डीआईओएस, बीएसए, तहसील के एसडीएम और दो प्रधानाचार्य शामिल हैं।
इस वर्ष वाराणसी में 122 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। पिछले वर्ष के 32 केंद्रों को हटाकर 26 नए केंद्र जोड़े गए हैं। इनमें 10 राजकीय, 10 अशासकीय और छह वित्तविहीन विद्यालय शामिल हैं।

Author: Ujala Sanchar
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