वाराणसी: अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (इरी) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आईसार्क) में 28 से 30 नवंबर तक 13वें नेशनल सीड कांग्रेस (एनएससी) का आयोजन किया जाएगा। इस तीन दिवसीय आयोजन में देश-विदेश से करीब 700 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे, जिनमें कृषि संस्थानों के वैज्ञानिक, शोधकर्ता, बीज उद्योग से जुड़ी निजी और सार्वजनिक कंपनियां, और प्रगतिशील किसान शामिल होंगे। नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और फिलीपींस के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होंगे।
गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन और चुनौतियों पर चर्चा
नेशनल सीड कांग्रेस में गुणवत्तायुक्त बीजों के उत्पादन, बीज मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में सुधार और बीज प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के उपायों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कृषि बाजार में बढ़ती मांग और टिकाऊ बीज प्रणालियों की आवश्यकता को देखते हुए यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं
आईसार्क और राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (एनएसआरटीसी) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में रोजाना सात से आठ सत्र होंगे। इसमें फसल सुधार, बीज वितरण प्रणालियों, नवाचार, और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा होगी। प्रदर्शनी के दौरान बीज से संबंधित तकनीक और मॉडल प्रस्तुत किए जाएंगे। आईसार्क के निदेशक सुधांशु सिंह ने बताया कि आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसके लिए बीज क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों, निजी कंपनियों, और कृषि शिक्षण संस्थानों को निमंत्रण भेजा गया है।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और क्षेत्रीय सहयोग
कार्यक्रम का उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग, भागीदारी और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इसमें कृषि क्षेत्र में टिकाऊ प्रथाओं और नवाचारों को बढ़ावा देने के साथ बीज उत्पादन और वितरण प्रणालियों में सुधार की संभावनाएं तलाशने पर जोर दिया जाएगा।

Author: Ujala Sanchar
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