बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में वाराणसी में प्रदर्शन, संत-महंतों ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की 

वाराणसी: बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में काशी के संत-महंतों, प्रबुद्धजनों, शिक्षाविदों, और विशिष्ट नागरिकों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की। मंगलवार को कचहरी परिसर में हिंदू रक्षा समिति के तत्वावधान में धरना आयोजित किया गया, जिसके बाद राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिलाधिकारी वाराणसी को सौंपा गया। धरने का संचालन प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने की।

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि बांग्लादेश सरकार के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएं और उनके साथ सभी व्यापारिक संबंध तुरंत समाप्त किए जाएं। साथ ही, बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए एक अलग राज्य स्थापित करने की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई।

धरने में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती, डॉ. वी. डी. तिवारी, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पूरी महाराज, संत रविदास मंदिर के महंत भारत भूषण दास, कबीर मठ के महंत गोविंद दास, पूर्व कुलपति आद्या प्रसाद पांडेय, पद्मश्री शिवनाथ मिश्र, और पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह जैसे विशिष्ट व्यक्तित्व शामिल हुए। वक्ताओं ने भारत सरकार से इस मुद्दे पर सख्त कदम उठाने और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रमेश कुमार, सह प्रांत कार्यवाह राकेश त्रिपाठी आरके चौधरी, प्रदीप बजाज, संतोष सिंह, अभय सिंह और दीपक बजाज ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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