वाराणसी: प्रबंधन द्वारा गलत आंकड़े प्रेषित कर विद्युत विभाग का निजीकरण किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में विद्युत मजदूर संगठन एवम विद्युत संविदा मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश द्वारा वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल के 22 जिलों में मंगलवार को काली पट्टी बांध कर विरोध दर्ज कराया गया। इसके साथ ही कर्मचारी द्वारा एक घंटे का अतिरिक्त कार्य भी किया गया।
संगठन का कहना है की सरकारी संपत्तियों वो भी बिजली जैसे महत्वपूर्ण विभाग की बागडोर निजी कंपनियों के हाथों में सौंपना आम उपभोक्ताओं, किसान, नौजवानों, छोटे मझौले व्यापारियों के साथ धोखा, महंगाई को सातवें आसमान पर पहुंचाने वाला होगा। आज बिजली आम आदमी के जीवन की सबसे बड़ी और बुनियादी आवश्यकता है ना कि राजशाही उपभोग की वस्तु है।
निजी कंपनियों के आने के बाद आम आदमी, किसान, मजदूर, आरक्षित वर्ग के नौजवानों की नौकरी के सभी रास्ते बन्द हो जाएंगे। निजी कंपनियों का उद्देश केवल लाभ कमाना है और इनको आम उपभोक्ताओं, किसान, मजदूर, अल्प वेतनभोगी लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।
अतः संगठन पुनः आदरणीय मुख्यमत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से अनुरोध करता है कि व्यापक जनहित में आम उपभोक्ताओं, किसानों,व्यापारियों, नौजवानों के सरकारी नौकरी के भविष्य, कर्मचारियों नियमित और संविदा कर्मचारियों के हितों की रक्षा हेतु निजीकरण की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की कृपा करें।
संगठन सभी नियमित और संविदा कर्मचारियों को सरकार द्वारा लागू ओटीएस योजना को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए कमर कस लिया है एवं ओटीएस का लाभ जनता को पहुंचाते हुए राजस्व वृद्धि को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
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