वाराणसी: मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि सर्दी के मौसम में कुछ स्वास्थ्य समस्याएं अधिक होने लगती हैं। इनमें गठिया यानी अर्थराइटिस प्रमुख है। इसमें भी रूमेटाइड अर्थराइटिस से सर्दियों में ज्यादा परेशानी होती है। ठंड के मौसम में रक्त संचार कम होने से सूजन, दर्द और जकड़न जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
इसके साथ ही मांसपेशियों में खिंचाव बढ़ जाता है। खासकर जो महिलाएं अक्सर ठंडे पानी में काम करती हैं, उन्हें गठिया और कमर दर्द की शिकायत होती है। इसलिए सतर्क रहें और अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में तुरंत सम्पर्क करें।
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ एनके वर्मा ने बताया कि सर्दियों में गठिया के दर्द में वृद्धि होने लगती है। क्योंकि, ठंड में शरीर के जोड़ों में खिंचाव और सूजन बढ़ जाती है। इसके अलावा सर्दियों में मूवमेंट कम होने से जोड़ों में कठोरता बढ़ाने लगती है। इसलिए ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और गर्म पानी से नहाएं। ताकि, रक्त संचार में सुधार हो और मांसपेशियों को भी आराम मिले।
स्वेटर, शॉल, दस्ताने और मफलर का उपयोग करें। हल्के व्यायाम और योग गठिया के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। बेहतर होगा कि वातावरण में गर्माहट आने के बाद ही सुबह टहलने के लिए निकलें।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि जोड़ों में अगर 12 सप्ताह से ज्यादा दर्द बना हुआ है तो उसे नजरअंदाज न करें। यह गठिया के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुर्गाकुंड में इन दिनों हड्डी रोग की ओपीडी में 70 से 80 मरीज आ रहे हैं। इनमें से 20 से 25 मरीज गठिया और जोड़ों के दर्द से पीड़ित रहते हैं। जबकि आम दिनों में यह संख्या 10 से 12 के बीच ही रहती है। नवम्बर माह में लगभग 2086 मरीजों की ओपीडी हुई थी।
उन्होंने बताया कि लोगों को पैर और हाथ की उंगलियों के जोड़, घुटने और एड़ी आदि में दर्द रहता है। इस तरह की समस्या आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ देखने को मिलती है। आमतौर पर जोड़ों में तकलीफ का कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होती है क्योंकि कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। लेकिन सिर्फ कैल्शियम ही नहीं, जोड़ों की तकलीफ और दर्द का एक बड़ा कारण आर्थराइटिस यानी गठिया की बीमारी भी हो सकती है।
इसमें लोगों के जोड़ों में क्रिस्टल बनने लगते हैं, नसों व मांसपेशियों में सूजन हो जाती है, जिसकी वजह से गंभीर दर्द देखने को मिलता है। इसलिए बीमारी को नजरअंदाज ना करते हुये तत्काल इसका इलाज करायें।
सरैंया, बजरडीहा निवासी 40 वर्षीय शाबिया ने बताया कि 8 महीने से मैं यहाँ गठिया का इलाज करा रही हूँ, हर महीने यहाँ से निःशुल्क दवा ले जाती हूँ, मुझे पहले से आराम है, सरकार की यह सेवा बहुत अच्छी है।
खगड़िया बिहार निवासी 62 वर्षीय शकुंतला देवी ने बताया कि मुझे एक वर्ष से घुटने और टखने में दर्द की शिकायत रहती थी, मैंने यहाँ 3 महीने पहले डाक्टर को दिखाया था, जाँच के बाद डाक्टर ने दवा लिखी थी, दवा लेने के बाद अब मुझे काफी आराम है।
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