Search
Close this search box.

उजाला संचार: सम्राट पैलेस में मनाया गया स्वामी विवेकानंद जयंती

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

उजाला संचार: संयुक्त सशक्त युवा संगठन के तत्वावधान में विगत कई वर्षों की भांति आज भी स्वामी विवेकानंद जयंती समारोह का आयोजन नगर स्थित सम्राट पैलेस में मनाया गया।

समारोह की शुरुआत स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया तत्पश्चात नन्हे-मुन्ने स्कूलों बच्चों के द्वारा सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया साथ ही बाल कलाकारों द्वारा एक से एक संदेशात्मक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां प्रस्तुत कर समारोह को सार्थकता प्रदान किया।

यूथ आइकन के रूप में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता” विषयक संगोष्ठी में उपस्थित विशिष्ट विद्वान वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते कहा 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस को “राष्ट्रीय युवा दिवस” के रूप में मनाया जाता है, ताकि इस महान देशभक्त और भारत के सपूत के शाश्वत संदेश को पुनर्जीवित किया जा सके।

उनका संदेश सरल लेकिन शक्तिशाली था। विवेकानंद ने अपने विचारों को सीधे लोगों तक पहुँचाया, खास तौर पर युवाओं तक। उनके संदेश ने जाति और धर्म की बेड़ियाँ तोड़ दीं और सार्वभौमिक भाईचारे की भाषा बोली। उन्होंने जो कहा, उससे आज हमारे देश के युवाओं के बीच उनके विचारों और आदर्शों का बहुत महत्व पता चलता है। उन्होंने युवाओं की शाश्वत ऊर्जा और सत्य की उनकी बेचैन खोज को मूर्त रूप दिया।

स्वामी विवेकानंद ने एक बार कहा था, “आप जो भी सोचेंगे, वही बनेंगे। अगर आप खुद को कमज़ोर समझेंगे, तो आप कमज़ोर बनेंगे; अगर आप खुद को मज़बूत समझेंगे, तो आप मज़बूत बनेंगे।

उन्होंने कहा, ” सर्वोच्च को देखो, उस सर्वोच्च पर लक्ष्य रखो, और तुम सर्वोच्च तक पहुंच जाओगे। स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज के पुनर्निर्माण के लिए जो विभिन्न तरीके सुझाए, उनमें शिक्षा लोगों को सशक्त बनाने का प्राथमिक साधन थी।

उन्होंने एक बार कहा था, “वह शिक्षा जो आम लोगों को जीवन के संघर्ष के लिए खुद को तैयार करने में मदद नहीं करती, जो चरित्र की मजबूती, परोपकार की भावना और शेर जैसा साहस नहीं पैदा करती – क्या वह शिक्षा कहने लायक है? असली शिक्षा वह है जो किसी को अपने पैरों पर खड़ा होने में सक्षम बनाती है।” उनके लिए, शिक्षा का मतलब धर्मनिरपेक्ष शिक्षा थी जो छात्रों में चरित्र का निर्माण करती है और मानवीय मूल्यों को स्थापित करती है।

समारोह की मुख्य अतिथि मार्टर मेमोरियल स्कूल की डायरेक्टर श्रीमती विजयलक्ष्मी गुप्ता (पूर्व जंगीपुर पंचायत अध्यक्ष) रहीं।

इस अवसर पर डॉ व्यास मुनि राय, डॉ युधिष्ठिर तिवारी, संतोष जायसवाल, अजय तिवारी, हिमांक यादव, अंकिता गुप्ता, चंदा देवी, प्रियंका दुबे, इंद्राणी जी, प्रिंस सिंह, मनोज सिंह कुशवाहा, कवि दिनेश चंद्र शर्मा, विजय कुमार मधुरेश, अनिल जी, माधुरी सिंह, सीमा शर्मा, पुष्पराज तरुण, रामध्यान तरुण इत्यादि उपस्थित रहें।
संचालन सब्या तरुणा एवं डीके तरुण ने संयुक्त रूप से किया आभार कार्यक्रम संयोजक नीरज तरुण ने की।

Leave a Comment

और पढ़ें