Search
Close this search box.

वाराणसी: महिला की हत्या में शामिल दत्तक पुत्री और दामाद को आजीवन कारावास

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

वाराणसी: अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी कुलदीप सिंह-II की अदालत ने शिवदासपुर निवासी लालता देवी की हत्या के मामले में उनकी दत्तक पुत्री हिना उर्फ प्रिया त्रिपाठी और उनके पति राहुल उर्फ रंजन त्रिपाठी को दोषी करार दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी कुलदीप सिंह-II की अदालत ने दोनों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

यह मामला बिहार के कैमूर भभुआ के जलालपुर निवासी विजय राम की शिकायत पर दर्ज हुआ था। उन्होंने मंडुवाडीह थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बहन लालता देवी शिवदासपुर में अपनी दत्तक पुत्री हिना और उसके पति राहुल के साथ रहती थीं।

विजय राम के अनुसार, 23 मार्च 2021 को वे बीएचयू अस्पताल में इलाज कराने आए थे। वहां से निकलने के बाद वह बहन के घर पहुंचे, जहां बाहर हिना और राहुल बैठे हुए थे। जब उन्होंने लालता देवी के बारे में पूछा, तो हिना ने बताया कि वह बिजली का बिल जमा करने गई हैं। एक घंटे से अधिक इंतजार करने के बाद भी जब उनकी बहन नहीं लौटी, तो उन्होंने आसपास के लोगों से पूछताछ की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली।

इसके बाद विजय राम घर के अंदर गए और छत की सीढ़ियों से नीचे उतरने लगे। तभी उन्होंने देखा कि घर के उत्तर दिशा में एक गड्ढे में रस्सी से बंधा हुआ और कंबल में लिपटा एक शव पड़ा है। नजदीक जाकर देखने पर उन्होंने पाया कि वह शव उनकी बहन का था। लालता देवी की हत्या गला घोंटकर और सिर पर भारी वस्तु से वार करके की गई थी।

विजय राम ने अदालत में दिए अपने बयान में कहा कि लालता देवी का मकान उनके नाम था, जिसे हिना और राहुल अपने नाम करवाना चाहते थे। इसे लेकर कई बार उनकी बहन से विवाद हुआ था। विजय राम के मुताबिक, इसी मकान के लालच में हिना और राहुल ने लालता देवी की हत्या कर दी। अदालत ने हत्या के इस जघन्य अपराध में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जिससे पीड़ित परिवार को न्याय मिला।

Leave a Comment

और पढ़ें