वाराणसी: तिरुपति बालाजी के प्रसादम पर बवाल मचा है. इस बीच धर्म नगरी काशी में तिरुपति जाने वाले भक्त अब शुद्धिकरण से इस पाप को धो रहे है. बाकायदा मंदिर और घाट किनारे पंचगव्य के जरिए लोग अपने शरीर और मन का शुद्धिकरण करा रहे हैं. सोमवार को पांडेय घाट स्थित मंदिर में एक परिवार ने इस प्रकिया को अपनाया है.
वाराणसी के रहने वाले तुलसी संजय जोशी ने बताया की उनका परिवार हर साल तिरुपति बालाजी दर्शन को जाते हैं और वहां से प्रसाद स्वरूप लड्डू प्रसादम को घर लें आते है. लेकिन जब से यह बात सामने आई कि लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी में चर्वी पाई गई है. इससे हम सभी भक्त आहत हैं. यह एक ऐसी पीड़ा है जिसे किसी को बताने में भी कष्ट हो रहा है. ऐसे में इस कष्ट को दूर करने के लिए सनातन धर्म में शुद्धिकरण का जो शास्त्रोक्त प्रकिया है उसी के तहत आज उनके परिवार ने अपना शुद्धिकरण कराया है.
शुद्धिकरण के लिए पंचगव्य का हो रहा इस्तेमाल
बताते चलें कि सनातन धर्म में शुद्धिकरण के लिए पंचगव्य का प्रयोग किया जाता है. जिसके तहत गाय के गोमूत्र, गोबर, दूध, दही और घी के जरिए पंचगव्य को तैयार किया जाता है और फिर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच इससे शरीर की शुद्धि की जाती है.

Author: Ujala Sanchar
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