वाराणसी: पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया वाराणसी चैप्टर एवं सनबीम स्कूल भगवानपुर के संयुक्त तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वाराणसी द्वारा गुरुवार को विधिक जागरूकता अभियान के तहत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ जनपद न्यायालय के अपर जिला जज/सचिव, विधिक सेवा प्राधिकरण आलोक कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं उपस्थित होकर छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों से संवाद किया और न्याय व्यवस्था से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्रदान की।

अपने संबोधन में अपर जिला जज आलोक कुमार ने छात्रों को न्यायिक सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश का प्रयास सदैव निष्पक्ष रहकर विधि के अनुसार वादकारियों को न्याय दिलाना होता है। इसलिए न्यायाधीश समाज से अलग परिवेश में रहते हैं, ताकि किसी भी प्रकार का पक्षपात या भेदभाव उनके निर्णय को प्रभावित न कर सके। उन्होंने इस संदर्भ में महाभारत की कथा में गुरू द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा और द्रौपदी का उदाहरण देकर न्यायाधीश की जिम्मेदारी को समझाया।

इसके साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं को बाल अपराध, बाल न्यायालय, बाल सुधार गृह तथा पॉक्सो कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी। परिवार न्यायालय से जुड़े एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह प्रयास होना चाहिए कि बच्चे पारिवारिक विवादों से दूर रहें और अच्छे संस्कारों के साथ समाज के आदर्श नागरिक बनें।
कार्यक्रम में पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया वाराणसी चैप्टर के सचिव प्रदीप कुमार उपाध्याय (अधिवक्ता, दीवानी न्यायालय) एवं स्कूल की प्रिंसिपल प्रेरणा शर्मा ने अतिथि का अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। कार्यक्रम का संयोजन सूपर्ण तनेजा ने किया।

Author: Ujala Sanchar
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