वाराणसी: ट्रैफिक पुलिस से जुड़े भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले का खुलासा होते ही पुलिस प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। ट्रैफिक इंस्पेक्टर शिवाकांत शुक्ला को एक ई-रिक्शा छोड़ने के बदले 3,000 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है। मामले में विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।
शिकायत के बाद तुरंत हुई कार्रवाई
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने भ्रष्टाचार के आरोप को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने होमगार्ड के माध्यम से रिश्वत की रकम मांगी और दिलवाई।
जांच में मिली पुष्टि
एडिशनल पुलिस कमिश्नर द्वारा की गई जांच में:
- पीड़ित ने कार्यालय पहुंचकर विस्तृत बयान दर्ज कराया
- होमगार्ड ने भी इंस्पेक्टर का नाम लिया
- इंस्पेक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया, जो असंतोषजनक पाया गया
- उनके खिलाफ चार्जशीट जारी कर विभागीय जांच शुरू की गई
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला 24 नवंबर का है। बादशाहबाग कॉलोनी निवासी हेमंत मेहरा, जिनके कई रूटों पर ई-रिक्शा चलते हैं, को सूचना मिली कि उनका एक ई-रिक्शा मरी माई मंदिर तिराहा पर ट्रैफिक पुलिस ने पकड़ लिया है।
चालक ने बताया कि भारी-भरकम चालान की धमकी देते हुए बिना चालान छोड़े जाने के लिए पैसे की मांग की जा रही है।
- हेमंत मेहरा और उनके परिचित अभय मिश्रा मौके पर पहुंचे
- होमगार्ड ने कथित तौर पर टीआई से फोन पर बात कराई
- पहले ₹4,500 की मांग हुई, बाद में सौदा ₹3,000 में तय हुआ
- अभय मिश्रा ने शौचालय के पास होमगार्ड को राशि सौंपी
पुलिस कमिश्नर से की शिकायत, जांच में साबित हुआ मामला
पीड़ितों ने घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की, जिसके बाद ACP शिवहरी मीणा ने विस्तृत जांच कराई। जांच में रिश्वत लेने की बात पुष्ट हो गई।









