सोनभद्र: कनहर नदी पर वर्ष 1994 में बना पुल अब पूरी तरह से जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है, जो कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकता है। पुल के हर पिलर के जॉइंट पर कई फीट लंबी दरारें साफ दिखाई दे रही हैं। यह पुल न सिर्फ दुद्धी क्षेत्र की जीवनरेखा है, बल्कि स्कूल बसों, एंबुलेंस व व्यापारिक वाहनों का मुख्य मार्ग भी है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से इस पुल की मरम्मत तक नहीं कराई गई। बरसात के मौसम में पुल की स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है, तेज बहाव और कंपन से दरारें लगातार गहरी होती जा रही हैं। कुछ स्थानों पर तो पिलरों के जोड़ पूरी तरह से अलग हो चुके हैं।
ग्रामीणों ने चिंता जताते हुए कहा, “हम हर दिन जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजरते हैं। अधिकारी कब जागेगा?” स्थानीय जनता प्रशासन की उदासीनता पर सवाल खड़े कर रही है।
क्षेत्रीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से तीन प्रमुख मांगें की हैं, जिसमें तत्काल पुल की तकनीकी जांच कराई जाए। जब तक मरम्मत न हो, तब तक भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए। शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू किया जाए या नए पुल का निर्माण कराया जाए। यदि समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो स्थानीय लोगों ने जन आंदोलन की चेतावनी दी है।
वहीं जनता की बढ़ती चिंताओं और पुल की बिगड़ती स्थिति के बीच अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। समय रहते कार्रवाई न होने पर यह पुल किसी बड़ी जनहानि का कारण बन सकता है।

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।