सिस्को में एक और छंटनी की लहर: 5,600 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट

टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सिस्को ने एक बार फिर अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती की है। कंपनी ने इस साल की दूसरी बड़ी छंटनी का ऐलान करते हुए लगभग 5,600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह संख्या कंपनी के कुल कर्मचारियों का लगभग 7 प्रतिशत है। इससे पहले, इसी साल फरवरी में भी सिस्को ने 4,000 से अधिक कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था।

अगस्त में दी थी संकेत, लेकिन नहीं बताया था कौन होगा प्रभावित

अगस्त 2024 में सिस्को ने संकेत दिया था कि वह अपनी कर्मचारियों की संख्या घटाने की योजना बना रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया था कि किन कर्मचारियों और विभागों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अब, सितंबर के मध्य में अचानक हुई इस छंटनी ने कर्मचारियों को चौंका दिया। कर्मचारियों को इस बात की सूचना समय रहते नहीं दी गई, जिससे उनके बीच एक महीने तक असमंजस की स्थिति बनी रही।

जानकारी की कमी से कर्मचारियों में बढ़ा असंतोष

सूचना देने में हुई देरी के कारण कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई है। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई, जिससे उनकी चिंताएँ बढ़ती चली गईं। इसके चलते कंपनी के आंतरिक माहौल में भी खलल पड़ा है। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो संचार की कमी के कारण कुछ कर्मचारी कार्यस्थल के माहौल को ‘जहरीला’ तक कहने लगे हैं।

टैलोस सिक्योरिटी भी छंटनी की चपेट में

टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिस्को का खतरा खुफिया और सुरक्षा अनुसंधान विभाग, टैलोस सिक्योरिटी, भी इस छंटनी से प्रभावित हुआ है। कंपनी ने अगस्त में जारी एक बयान में कहा था कि वह इस छंटनी के बाद “प्रमुख विकास अवसरों में निवेश करने और अधिक दक्षता प्राप्त करने” में सक्षम होगा।

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वित्तीय स्थिति मजबूत, फिर भी छंटनी क्यों?

सिस्को की हालिया वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, 2024 कंपनी के इतिहास का “दूसरा सबसे मजबूत वर्ष” रहा, जिसमें वार्षिक राजस्व लगभग 54 बिलियन डॉलर तक पहुंचा। इस रिपोर्ट के बावजूद, कंपनी ने छंटनी की जरूरत महसूस की, जो कर्मचारियों के बीच असंतोष का एक बड़ा कारण बना है।

सीईओ को मिला भारी मुआवज़ा, कर्मचारियों के लिए चुनौती

सिस्को के सीईओ चक रॉबिंस को 2023 में लगभग 32 मिलियन डॉलर का मुआवज़ा मिला, जिससे कर्मचारियों के बीच नाराजगी और बढ़ गई है। एक तरफ कर्मचारियों की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है, तो दूसरी तरफ कंपनी के शीर्ष अधिकारी भारी-भरकम वेतन ले रहे हैं। यह असमानता भी कर्मचारियों के असंतोष का कारण बन रही है।

छंटनी की यह लहर न सिर्फ सिस्को के कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरी टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है कि भले ही कंपनियों के वित्तीय आंकड़े अच्छे दिखें, नौकरी की स्थिरता हमेशा बनी रहे, यह ज़रूरी नहीं।

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