नई दिल्ली : मुख्यमंत्री आतिशी आज लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांग्चुक से मिलने बवाना थाने पहुंचीं।उनका कहना है कि उनको मिलने नहीं दिया गया। लेह (लद्दाख) से दिल्ली तक पदयात्रा कर सोनम वांग्चुक दिल्ली सीमा तक पहुंचे। उनका इरादा राजघाट स्थित गांधी समाधि पर धरना देना था। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने उन्हें सिंघु बॉर्डर पर रोक लिया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मंगलवार सुबह उनसे मिलने पहुंची। बाद में उन्होंने थाने के बाहर पत्रकारों को बताया कि मुझे सोनम वांग्चुक से मिलने नहीं दिया। मैं उनसे मिलने इसलिए गई कि वे भी हमारी तरह, दिल्ली की तरह ही लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए और दिल्ली को भी पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने दिल्ली आ रहे सोनम वांग्चुक को आखिर गिरफ्तार क्यों किया गया? मुझे उनसे मिलने से क्यों रोका जा रहा है?
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब दिल्ली के राज्यपाल के इशारे पर किया जा रहा है। उन्हें यह निर्देश केन्द्र सरकार से मिले होंगे। सच तो यह है कि भाजपा लोकतंत्र से डरती है। उन्होंने भाजपा पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने और चुनी हुई सरकारों को काम न करने का आरोप लगाया।
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