वाराणसी: बाबतपुर रोड स्थित डीपीएस काशी में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ वार्षिकोत्सव ‘अभिज्ञान’ -2024 सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि विद्यालय के निदेशक आयुष पोद्दार तथा विशिष्ट अतिथियों में एकेडमिक डायरेक्टर नीलम चक्रवर्ती थी। वहीं कार्यक्रम का शुभारम्भ रम्भ दीप प्रज्ज्वलन कर मुख्य अतिथि आयुष पोद्दार जी ने किया।
तदंतर काल भैरव अष्टकम् के धुन पर बच्चों ने आकर्षक वाद्यवृंद प्रस्तुत किया, जिसमें गिटार, हारमोनियम, तबला, की बोर्ड, इलेक्ट्रीपेड, डफली, मंजीरा, मरकश, ड्रम, कांगो, वायलिन आदि वाद्य यंत्रों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य मृणाल चौधुरी ने वार्षिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा- “डीपीएस काशी का मुख्य उद्देश्य वच्चों के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना है। “कार्यक्रम की अगली कड़ी में मुख्य अतिथि द्वारा कक्षा 10वीं एवं 12वीं सीबीएसई 2024 की परीक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को प्रशस्ति पत्र के साथ स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक राजधानी काशी की संस्कृति एवं विरासत पर आधारित था, जिसमें काशी की संस्कृति, अध्यात्म, दर्शन, कला, शिल्प, साहित्य, बुद्ध, तुलसी, कबीर जैसे संतों की कर्मभूमि, मोक्षदायनी गंगा की महिमा के साथ-साथ बनारसी पान, ठंडाई की मौज मस्ती को नृत्य-नाटक आदि के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। मैं जिंदा शहर बनारस हूं गीत के धुन पर नन्हे बच्चों ने काशी में संतों की तपोभूमि, मोक्षदायिनी गंगा, बनारसी पान, कचौरी, जलेबी के साथ उमंग और उल्लास से भरपूर जिंदा शहर बनारस को उजागर किया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में छात्रों द्वारा शिव स्तुति की धुन पर भावपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को भक्ति रस में डुबो दिया। तदंतर राजा चेत सिंह नाटक की प्रस्तुति ने स्वतंत्रता संग्राम में काशी के राजा चेत सिंह की वीरता और साहस को प्रदर्शित कर देश के प्रति समर्पण का भाव जगाया। किंडरगार्टन के नन्हें बच्चों द्वारा ‘कदम तो रखो काशी में’ गाने की धुन पर बच्चों संग दर्शक भी झूम उठे।
‘मेकिंग ऑफ़ बीएचयू’ नाटक में महामना मालवीय द्वारा काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना तथा ज्ञान की रोशनी जलाकर गीत के माध्यम से लिखने, पढ़ने और सतत आगे बढ़ते रहने का संकल्प लिया। तदंतर छात्रों ने रामाष्टकम् स्त्रोत के धुन पर पूरे रामायण को भावपूर्ण नृत्य शैली में प्रदर्शित किया तो दूसरी ओर नृत्य-नाटिका गंगा अवतरण’ में मोक्षदायिनी गंगा के पृथ्वी पर आने की पौराणिक कथा की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नृत्य नाटिका गौतम बुद्ध था, जिसमें महात्मा बुद्ध के जीवन चरित्र को दिखलाते हुए सत्य और अहिंसा का संदेश दिया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के लगभग 400 बच्चों ने भाग लिया। मंच का संचालन छात्र अश्विन कुमार, नंदिता मिश्रा, शौर्य नारायण एवं नंदा श्री ने किया। धन्यवाद ज्ञापन छात्र अस्तित्व कुमार ने किया। समारोह का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ।
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