बलिया। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पैन कार्ड में भिन्नता से संबंधित एक महत्वपूर्ण पत्रावली के गायब होने के मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) मनीष कुमार सिंह ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, बेलहरी (बलिया) में तैनात सहायक लेखाकार मनीष कुमार ओझा के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई है।
यह प्रकरण इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या 8285/2025 (मनोज कुमार यादव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं तीन अन्य) से जुड़ा है। उच्च न्यायालय के 20 अगस्त 2025 के आदेश के अनुपालन में प्रतिवाद शपथ-पत्र दाखिल करने हेतु उक्त पत्रावली आवश्यक थी।
पत्रावली उपलब्ध न होने पर 26 अगस्त 2025 को संबंधित पटल सहायक धर्म सिंह (शिविर सहायक) तथा उनके कार्यालयाध्यक्ष, सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), आजमगढ़ मंडल को पत्र लिखकर पत्रावली उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। इसके प्रत्युत्तर में 19 अगस्त 2025 को धर्म सिंह ने पत्र के माध्यम से सूचित किया कि संबंधित पत्रावली मनीष कुमार ओझा के पास है।
इसके बाद कार्यालय द्वारा 30 सितंबर 2025 को मनीष कुमार ओझा को पत्रावली उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए, लेकिन 03 अक्टूबर 2025 को उन्होंने पत्र के जरिए पत्रावली के संबंध में अनभिज्ञता व्यक्त की। मामले की गंभीरता को देखते हुए 14 अक्टूबर 2025 को बीएसए द्वारा एक त्रिस्तरीय समिति का गठन किया गया, जिसने संबंधितों से स्पष्टीकरण प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की संस्तुति दी।
14 नवंबर 2025 को वरिष्ठ सहायक राजन राम एवं अनिल प्रकाश राय से भी पत्रावली के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया। दोनों ने पत्रावली मनीष कुमार ओझा के पास होने की पुष्टि की। इसके अलावा तत्कालीन बीएसए मनीराम सिंह से भी जानकारी ली गई, जिन्होंने भी पत्रावली मनीष कुमार ओझा के पास ही होने की बात कही।
इन तथ्यों के आधार पर बीएसए मनीष कुमार सिंह ने तहरीर में उल्लेख किया कि मनीष कुमार ओझा ने न तो हस्ताक्षरित पत्र पर पटल सहायक से हस्ताक्षर कराए और न ही संबंधित पत्रावली पटल सहायक को सौंपी। इससे स्पष्ट है कि जनपद बलिया के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के पैन कार्ड में भिन्नता से संबंधित पत्रावली मनीष कुमार ओझा के पास ही है।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में याचिका संख्या 8285/2025 में 16 दिसंबर 2025 से पूर्व प्रतिवाद शपथ-पत्र दाखिल किया जाना अनिवार्य है। मामले में आगे की विधिक कार्रवाई जारी है।
बलिया ब्यूरो: अवधेश यादव









