नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भारत के खिलाफ एक गंभीर कूटनीतिक रुख अपनाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 24 जून तक बांग्लादेश को सौंपने का अल्टीमेटम दिया है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्राइब्यूनल ने शेख हसीना के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध, हत्या और जनसंहार जैसे गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया है और उन्हें 24 जून तक अदालत में पेश किए जाने का आदेश दिया है।
बांग्लादेश सरकार का आरोप है कि शेख हसीना देश छोड़कर भारत में शरण लिए हुए हैं, हालांकि इस बात की भारत सरकार द्वारा अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
भारत को चेतावनी
बांग्लादेश के ट्राइब्यूनल ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि यदि भारत ने शेख हसीना को तय समय सीमा तक हवाले नहीं किया, तो भारत के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ट्राइब्यूनल का कहना है कि भारत को एक ऐसे व्यक्ति को शरण नहीं देनी चाहिए जिस पर सैकड़ों मासूम लोगों की हत्या का आरोप हो।
आवामी लीग पर प्रतिबंध
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख हसीना की पार्टी ‘आवामी लीग’ पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पार्टी के सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई वरिष्ठ नेता देश छोड़ चुके हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, इनमें से कई नेता पश्चिम बंगाल में शरण लिए हुए हैं।
विशेष वकीलों की टीम तैयार
बांग्लादेश सरकार ने इस पूरे मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए विशेष वकीलों की एक टीम गठित की है, जो भारत पर भी कानूनी शिकंजा कसने की योजना बना रही है।
भारत की स्थिति
भारत की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में इस अल्टीमेटम को लेकर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।
क्या होगा अगला कदम?
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारत सरकार इस बांग्लादेशी दबाव और अल्टीमेटम पर क्या रुख अपनाती है। क्या भारत शेख हसीना को प्रत्यर्पित करेगा या फिर उन्हें राजनीतिक शरण देकर मानवाधिकार और कूटनीतिक दृष्टिकोण से मामले को संभालेगा?

Author: Ujala Sanchar
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