वाराणसी : बीएचयू(BHU) प्रशासन ने पिछले साल नवंबर में आईआईटी-बीएचयू (IIT-BHU) की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में हुए धरने के दौरान मारपीट के मामले में 13 छात्र-छात्राओं को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई घटना के 11 महीने बाद की गई है। कुछ छात्र-छात्राओं पर पहले से ही 35 से अधिक मामले दर्ज हैं।
बीएचयू प्रशासन ने छह छात्राओं और दो छात्रों को 30 दिनों के लिए विश्वविद्यालय से निलंबित किया है, जबकि पांच छात्रों का निलंबन 15 दिनों के लिए किया गया है। इन छात्र-छात्राओं को हॉस्टल, लाइब्रेरी और एचआरए की सुविधाओं से भी बेदखल कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने प्रदर्शनकारी छात्रों की काउंसिलिंग कराने और उनसे कम्युनिटी सर्विस कराने का भी आदेश जारी किया है।
नवंबर 2022 में हुई थी घटना
घटना नवंबर 2022 में हुई थी, जब आईआईटी-बीएचयू की एक छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस घटना के विरोध में छात्रों ने सिंह द्वार पर धरना प्रदर्शन किया। 5 नवंबर को एबीवीपी और भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसके बाद कई छात्रों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
निलंबित छात्र-छात्राओं का आरोप है कि यह कार्रवाई उन छात्रों पर की गई है, जो सरकार की नीतियों से असहमति रखते हैं और कैंपस में जरूरी सामाजिक मुद्दों पर मुखर रहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी जेल से बाहर हैं, जबकि हम पर कार्रवाई क्यों की जा रही है।

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