गाजीपुर। करंडा ब्लॉक के सुआपुर ग्राम सभा में मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। गांव में चल रहे पोखरी खुदाई कार्य में जहां वास्तव में जेसीबी मशीन से खुदाई कराई जा रही है, वहीं कागज़ों में मजदूरों की उपस्थिति दर्ज कर भुगतान किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, गौशाला के पास बीते दिनों शुरू हुए इस कार्य में दर्जनों मजदूरों के नाम से फर्जी हाजिरी लगाई गई। जब यह मामला मीडिया में उजागर हुआ तो बीडीओ करंडा ने मास्टर रोल को शून्य (जीरो) कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद उसी कार्य पर दोबारा ऑनलाइन हाजिरी लगाई जा रही है।
ग्रामवासियों ने बताया कि मौनी बाबा धाम के पास स्थित पोखरी, जहां कुछ सप्ताह पूर्व दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान जेसीबी से सफाई कराई गई थी, वहां भी रिकॉर्ड में मजदूरों के नाम से भुगतान दिखाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ एक कार्य नहीं, बल्कि ग्राम सभा के कई प्रोजेक्ट्स में इसी तरह की फर्जी उपस्थिति और भुगतान का खेल चल रहा है।
इस मामले पर डीसी मनरेगा विजय यादव ने कहा “मामला गंभीर है। जानकारी मिलने के बाद मैंने बीडीओ करंडा को तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
ग्रामीणों ने मांग की है कि जांच टीम मौके पर जाकर वास्तविक सत्यापन करे ताकि फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई सामने आ सके और जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
ब्यूरोचीफ – संजय यादव









