वाराणसी पहुंचे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कांग्रेस और आप पर किया तीखा प्रहार

वाराणसी: बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने वाराणसी में अपने दौरे के दौरान कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर पलटवार करते हुए उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं पर तीखा हमला बोला और भ्रष्टाचार, राजनीति में गिरते नैतिक स्तर और जनता से किए वादों को पूरा न करने जैसे मुद्दों को उठाया।

संजय सिंह पर किया तीखा प्रहार

मनोज तिवारी ने राज्यसभा में संजय सिंह द्वारा दिए गए बयानों पर पलटवार करते हुए उन्हें विवादों में घिरे और भ्रष्ट नेता करार दिया। उन्होंने कहा, “संजय सिंह और उनके नेता बड़े भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उनकी भाषा यह दिखाती है कि जब चोर पकड़ा जाता है, तो वह किस तरह तिलमिलाता है। ऐसे लोगों को जनता और कानून दोनों सजा देंगे।”

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की पत्नी द्वारा संजय सिंह पर किए गए 100 करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि यह आप नेताओं की गैर-जिम्मेदाराना राजनीति को दर्शाता है।

केजरीवाल और दिल्ली सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

दिल्ली की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली के लोगों को बुनियादी सुविधाएं देने में नाकाम रही है। तिवारी ने कहा। “दिल्ली में पीने का साफ पानी तक उपलब्ध नहीं है। बुजुर्गों की पेंशन बंद कर दी गई है। आज दिल्ली 73,000 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई है। ये लोग सिर्फ हमारी योजनाओं की नकल करते हैं।”

ज्ञानवापी विवाद पर दी राय

ज्ञानवापी विवाद को लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि देश में पहली बार न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जहां विवाद हो, वहां समाधान भी होना चाहिए। सच्चा मुसलमान मंदिर के ऊपर मस्जिद नहीं बना सकता। ज्ञानवापी मामले पर अब मुस्लिम समाज को यह बात समझ आने लगी है।”

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कांग्रेस पर साधा निशाना

कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए तिवारी ने कहा कि विधानसभा का घेराव करने से पहले कांग्रेस को राहुल गांधी का घेराव करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपनी पार्टी को मिट्टी में मिला दिया है।

पुराने मंदिरों की खोज पर की टिप्पणी

वाराणसी में सैकड़ों साल पुराने मंदिरों के मिलने पर मनोज तिवारी ने इसे देश की विरासत का हिस्सा बताते हुए कहा, “आज पहली बार देश में ऐसे मामलों में न्याय हो रहा है। यह हमारी सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अहम कदम है।”

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