वाराणसी: इन दिनों काशी में विभिन्न स्थलों पर प्राचीन रामलीलाओं का मंचन किया जा रहा है। इन लीलाओं का उद्देश्य भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरक प्रसंगों को समाज तक पहुँचाना और व्याप्त कुरीतियों को समाप्त कर सनातनी संस्कारों का पुनर्जागरण करना है। त्रेतायुग की साक्षी मां गंगा की वर्तमान दुर्दशा भी इस दौरान चर्चा का विषय बनी।

गंगा के पुनरुद्धार हेतु जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (नमामि गंगे योजना) जनभागीदारी पर विशेष बल देता है। इसी क्रम में शनिवार को स्वच्छता पखवाड़ा के तहत नगवां स्थित लिटल फ्लावर हाउस में पर्यावरण साक्षरता एवं स्वच्छ गंगा मुहिम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान छोटे बच्चों ने मंचन के माध्यम से संदेश दिया कि राम की गंगा को मैला न होने दें। इस मौके पर 39 गंगा टास्क फोर्स के सूबेदार देवेंद्र बसनेट तथा नमामि गंगे गंगा विचार मंच जिला संयोजक शिवम अग्रहरि के नेतृत्व में पौध वितरण व विद्यालय परिसर में पौधरोपण किया गया।
विद्यार्थियों को समझाया गया कि अधिकतम पौधारोपण, धार्मिक निर्माल्य का उचित निस्तारण, घरेलू किचन वेस्ट का प्रबंधन, पॉलीथिन रोकथाम और जल संरक्षण जैसे प्रयासों से व्यक्तिगत स्तर पर भी गंगा को काफी हद तक स्वच्छ रखा जा सकता है।
इस अवसर पर संस्थापक नलिन गुलाटी, निदेशक अदिति गुलाटी, प्रधानाचार्य अमिता सिंह, जय विश्वकर्मा, चारुसिला सिन्हा, कांता मुंशी, भावना गुप्ता, मुक्ता शौर्य गुप्ता, मोहम्मद असलम, सुरेंद्र, भीम सिंह सहित कई लोग उपस्थित रहे।

Author: Ujala Sanchar
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