सोनभद्र। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्लू अर्चना रानी की अदालत ने शुक्रवार को 19 वर्ष पुराने चर्चित चालक शारदा प्रसाद चौबे हत्याकांड में बड़ा फैसला सुनाते हुए चतरा प्रमुख प्रतिनिधि धीरेंद्र पटेल और राजेश सिंह को दोषसिद्ध करार दिया। फैसला सुनते ही दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जिला कारागार गुरमा भेज दिया गया। अब 28 नवंबर को सजा के बिंदु पर अगली सुनवाई होगी।
मामला क्या था?
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 22 फरवरी 2006 को यतींद्र सिंह यादव निवासी मैनपुर (करगंडा, गाजीपुर) ने थाना खानपुर में तहरीर देकर बताया कि उनकी पत्नी सीमा यादव के नाम पंजीकृत मार्शल गाड़ी (UP 64 F/4993) का चालक शारदा प्रसाद चौबे 18 फरवरी 2006 को रॉबर्ट्सगंज गया था।
उसी दिन शाम 5 बजे, सवेरा होटल के पास राजेश सिंह, चालक शारदा को यह कहते हुए अपने साथ ले गया कि वह बहन की विदाई कराने वाराणसी जाना चाहता है। जब 19 फरवरी को गाड़ी वापस नहीं आई तो इसकी सूचना रॉबर्ट्सगंज थाने में दी गई। 21 फरवरी को जानकारी मिली कि गाड़ी को राजेश सिंह, बबलू यादव और एक अन्य व्यक्ति लेकर गए थे।
अगले दिन 22 फरवरी को अखबार में एक अज्ञात शव मिलने की खबर पढ़ने पर चालक के भाई विंध्यवासिनी चौबे ने थाने पहुंचकर शव की शिनाख्त की कि वह शारदा प्रसाद चौबे ही है।
विवेचना में धीरेंद्र पटेल का नाम आया
प्रकरण की जांच के दौरान धीरेंद्र पटेल का नाम सामने आया। पर्याप्त सबूतों के आधार पर विवेचक ने चार्जशीट दाखिल की।
अदालत ने क्या कहा?
गवाहों के बयान, सबूतों और दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने धीरेंद्र पटेल, राजेश सिंह दोनों को दोषसिद्ध करार दिया। इसके बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
अब अगली कार्रवाई
- 28 नवंबर 2025 को सजा के बिंदु पर होगी सुनवाई
- अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की
19 साल पुराने इस मामले में अदालत का यह फैसला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।






