वाराणसी: दालमंडी क्षेत्र में चल रहे ध्वस्तीकरण, जबरन अधिग्रहण और व्यापारियों के उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर शहर में व्यापक आक्रोश व्याप्त है। इसी को लेकर आज जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित व्यापारियों के साथ जिलाधिकारी वाराणसी से मिला और प्रशासनिक कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे और जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने व्यापारियों की पीड़ा जिलाधिकारी के समक्ष रखी और कहा कि दालमंडी में हो रही कार्रवाई अमानवीय और अन्यायपूर्ण है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि दालमंडी के व्यापारियों को बिना उचित नोटिस और वैकल्पिक व्यवस्था के परेशान किया जा रहा है। दुकानों के बाहर तोड़फोड़, नोटिस की धमकी और जबरन अधिग्रहण की कार्रवाई से हजारों परिवारों की आजीविका और बच्चों की पढ़ाई पर संकट उत्पन्न हो गया है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह केवल संपत्ति या दुकान का मामला नहीं, बल्कि काशी के पारंपरिक व्यापार, संस्कृति और पहचान से जुड़ा सवाल है। उन्होंने आरोप लगाया कि “वर्तमान सरकार विकास के नाम पर काशी की आत्मा को बेच रही है।”
इस मौके पर कांग्रेसजनों ने कहा कि दालमंडी क्षेत्र वाराणसी की सांस्कृतिक और आर्थिक धड़कन है, और वहां के व्यापारियों को उजाड़ना शहर की ऐतिहासिक विरासत के साथ अन्याय है।
प्रतिनिधिमंडल में राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेंद्र चौबे, सजीव सिंह, फसाहत हुसैन बाबू, सतनाम सिंह, अशोक सिंह, वकील अंसारी, राजीव राम, संतोष मौर्य, हसन मेहदी कब्बन, अब्दुल हमीद डोडे, खालिद सिद्दीकी, पीयूष श्रीवास्तव, नरसिंह दास वर्मा, आकाश त्रिपाठी, शहनवाज, अजहर अज्जू, विनीत चौबे, आशिष गुप्ता, अफसर खान, शशी सोनकर, राजकुमार सोनकर समेत सैकड़ों व्यापारी और कांग्रेसजन मौजूद रहे।







