गाजीपुर: शादियाबाद थाना क्षेत्र के सौरी गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब चार दिनों से लापता युवक मोनू राजभर (पुत्र शिवलाल राजभर) की लाश गांव की ही पोखरी में संदिग्ध परिस्थितियों में मिली। बीते शुक्रवार शाम से मोनू घर से अचानक गायब हो गया था। देर रात तक परिजन उसकी तलाश करते रहे लेकिन कोई सुराग नहीं लगा और अंततः उन्होंने थाने में गुमशुदगी की तहरीर दर्ज कराई।

सोमवार सुबह गांव के कुछ युवा तालाब किनारे पहुंचे, जहां उन्हें एक चप्पल दिखाई दी। पहचान करने पर पता चला कि यह चप्पल मोनू की ही है। इसके बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने तालाब में जाल डलवाया तो कुछ ही देर में मोनू की लाश बाहर निकाली गई।
लाश मिलने के बाद गांव में सनसनी फैल गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं ग्रामीणों ने मौत पर सवाल उठाते हुए हत्या की आशंका जताई। उनका कहना है कि यदि युवक तालाब में डूबा होता तो उसकी लाश चार दिनों तक अंदर कैसे रही? जबकि सामान्यत: 24–48 घंटों में शव पानी की सतह पर आ जाता है। इतना ही नहीं, चार दिनों में किसी की नजर चप्पल पर भी क्यों नहीं पड़ी, यह भी संदेह बढ़ा रहा है।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असली वजह स्पष्ट होगी। फिलहाल गांव में तरह-तरह की चर्चाएं और कयासों का दौर जारी है।










