वाराणसी: जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान एक विचाराधीन कैदी की मौत से हड़कंप मच गया है। मृतक कैदी के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसे जेल में पीट-पीटकर मारा गया। परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
क्या है मामला?
मृतक की पहचान सोहित उर्फ आशुतोष सिंह के रूप में हुई है, जो पिछले तीन वर्षों से एक रेप केस में जिला कारागार में निरुद्ध था। परिजनों के अनुसार, सोहित को जमानत मिलने ही वाली थी, लेकिन ठीक उससे पहले उसे साजिश के तहत मौत के घाट उतार दिया गया।
सीसीटीवी फुटेज की मांग
परिजनों ने जिला कारागार से लेकर जिला अस्पताल तक के सभी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग की है, ताकि इस मौत की असली वजह सामने आ सके।
30 लाख की डील का दावा
सोहित की मां रीता सिंह का आरोप है कि उनके बेटे को झूठे केस में फंसाया गया और केस खत्म करने के लिए उनसे 30 लाख रुपये की डिमांड की गई थी। उन्होंने कहा कि “पैसे ना होने के कारण हमने समझौता करने से मना कर दिया और कानूनी लड़ाई जारी रखी। लेकिन जब जमानत की उम्मीद जगी, तभी यह साजिश रची गई।”
पुलिस कमिश्नर से लगाई इंसाफ की गुहार
परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर पूरी घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पुलिस कमिश्नर ने भरोसा दिलाया कि “परिजनों को हरसंभव मदद दी जाएगी और मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।”
जेल अधीक्षक पर भी गंभीर आरोप
परिजनों ने जेल अधीक्षक विनोद गुप्ता सहित अन्य जेल कर्मचारियों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। रीता सिंह का कहना है कि उनके बेटे को जेल में ही हत्या की नियत से पीटा गया, जिसकी वजह से उसकी हालत बिगड़ी और इलाज के दौरान मौत हो गई।









