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सोनभद्र: सलखान फॉसिल पार्क में विद्यार्थियों का शैक्षिक भ्रमण, 1.4 अरब वर्ष पुराने जीवाश्मों और अगोरी किला का इतिहास जाना

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सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में शनिवार को महुली स्थित आदर्श इंटरमीडिएट कॉलेज और एम.एस. आदर्श महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सलखान फॉसिल पार्क का शैक्षिक भ्रमण किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति से जुड़े लगभग 1.4 अरब वर्ष पुराने स्ट्रोमैटोलाइट जीवाश्मों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।

शिक्षकों ने विद्यार्थियों को बताया कि सलखान फॉसिल पार्क पृथ्वी के प्रारंभिक जैविक और भूवैज्ञानिक इतिहास का सजीव प्रमाण है। स्ट्रोमैटोलाइट्स उस काल के हैं, जब पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन का निर्माण प्रारंभ हुआ था, जिसे वैज्ञानिक भाषा में ग्रेट ऑक्सीडेशन इवेंट कहा जाता है। इसी वैज्ञानिक महत्व के कारण पार्क को यूनेस्को की संभावित विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है।

भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को सोनभद्र जिले के ऐतिहासिक धरोहर अगोरी किला के बारे में भी जानकारी दी गई। सोन नदी के किनारे स्थित यह किला चंदेल और खारवाल वंश के गौरवशाली इतिहास से जुड़ा है। बताया गया कि पहले यह किला खारवाल वंश के अधीन था, जिसे 12वीं सदी में चंदेल राजपूतों ने जीतकर राजा भ्रमजीत ने अपनी राजधानी बनाया। बाद में यह मुगल काल तक एक महत्वपूर्ण राजस्व केंद्र रहा।

अगोरी किला वीर लोरिक और रानी मंजरी की अमर प्रेम गाथा के लिए भी प्रसिद्ध है। किले में स्थित विशाल चट्टान को वीर लोरिक ने अपनी तलवार से दो भागों में विभाजित किया था, जिसे प्रेम और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है। किले में देवी काली और अगोरी बाबा को समर्पित मंदिर भी हैं, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। किले की मूर्तियों पर सिक्के चिपकने की रहस्यमयी घटना भी लोगों के बीच आस्था और कौतूहल का विषय बनी हुई है।

इस शैक्षिक भ्रमण में आदर्श इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रबंधक महबूब आलम, प्रधानाचार्य राकेश कुमार कन्नौजिया और शिक्षक अमित कुमार मिश्रा, संतोष कुमार कन्नौजिया, जय प्रकाश शर्मा, अवधेश कुमार, अभिषेक कुमार, आलोक कुमार, कृष्णा कुमार, विकास कुमार, अंजू कुमारी, आरती कुमारी, पूनम और रिंकी उपस्थित रहे। वहीं एम.एस. आदर्श महाविद्यालय की ओर से नवनीत कुमार मिश्रा और कंचन देवी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।

विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना का विकास होता है। विद्यार्थियों ने इसे अत्यंत ज्ञानवर्धक, रोचक और प्रेरणादायक बताया।

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