वाराणसी: वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों से फर्जी जनरल टिकट बेचने के मामले में एटीवीएम (ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन) के संचालक बृजेश श्रीवास्तव को जीआरपी (Government Railway Police) ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर कई महीनों से फर्जी टिकट जारी कर यात्रियों से मोटी रकम वसूलने का आरोप है।
वीडियो वायरल के बाद खुला मामला
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब यात्रियों राजमणि और रेखा शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि उनसे मुंबई के 6 जनरल टिकट के लिए ₹2200 वसूले गए, जो सामान्य दर से कहीं अधिक थे। उन्होंने आरोप लगाया कि टिकट सौरभ नामक कुली द्वारा उपलब्ध कराए गए, जो एटीवीएम से टिकट दिलवा रहा था।
सीसीटीवी फुटेज में हुआ खुलासा
मामला तूल पकड़ने के बाद जब मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक ने इस पर मुकदमा दर्ज कराया, तो जांच में न्यू बिल्डिंग स्थित एटीवीएम संख्या-11 के पास का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया। इसमें एक युवक यात्रियों को टिकट देते हुए दिखाई दिया, जिसकी पहचान बृजेश श्रीवास्तव (निवासी शिवपुर, वाराणसी) के रूप में की गई।
रेलवे को करोड़ों की चपत
जीआरपी थाना प्रभारी रजोल नागर ने बताया कि आरोपी द्वारा महानगरी एक्सप्रेस, शटल ट्रेनों और अन्य गंतव्यों के लिए टिकट जारी किए जा रहे थे। जबलपुर और छिवकी स्टेशनों पर भी इसी तरह के फर्जी टिकट पकड़े गए हैं। प्रथम दृष्टया अनुमान है कि इस तरह के फर्जीवाड़े से रेलवे को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
विजिलेंस, आरपीएफ और वाणिज्य विभाग की संयुक्त जांच
घटना के बाद विजिलेंस, आरपीएफ, और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों की टीम ने भी आरोपी से पूछताछ की है। इस घोटाले में एटीवीएम सेवा प्रदाता ओपी गुप्ता का नाम भी सामने आया है, जिसके अधीन बृजेश कार्य कर रहा था। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि बृजेश पिछले 2-3 महीनों से यह कार्य कर रहा था।
आगे की कार्रवाई जारी
रेलवे विभाग की ओर से मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता की भी पड़ताल हो रही है। जीआरपी ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर अग्रिम विधिक कार्रवाई शुरू कर दी है।

Author: Ujala Sanchar
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