वाराणसी में शनिवार को देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर तड़के से ही श्रद्धालुओं का गंगा स्नान शुरू हो गया। तड़के से ही घाटों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी और लाखों भक्तों ने मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी, जिसे प्रबोधिनी एकादशी या तुलसी विवाह एकादशी भी कहा जाता है, पर गंगा स्नान और व्रत करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
गंगा घाटों पर मौजूद पुरोहितों ने बताया कि आज कार्तिक मास की एकादशी है, जो भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने का दिन माना जाता है। काशीवासी इस दिन तुलसी विवाह संपन्न करते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते हैं।
मान्यता है कि इस दिन स्नान, व्रत और दान करने से व्यक्ति को अनेक जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। विशेषकर जो महिलाएं एकादशी व्रत रखती हैं, उन्हें सौ जन्मों तक का पुण्य प्राप्त होता है।
इस पावन अवसर पर भक्तों ने देवालयों और शिवालयों में फल, गुड़ और चीनी का दान किया और मां गंगा, राधा-कृष्ण तथा भगवान विष्णु से आशीर्वाद प्राप्त किया।









