गाजीपुर। जिले की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने एक 8 वर्षीय मासूम बच्चे से कुकर्म और उसकी हत्या के मामले में दोषी संजय नट को मृत्युदंड (फांसी की सजा) सुनाई है। यह फैसला घटना के 20 महीने बाद सुनाया गया। गाजीपुर में यह 14 साल बाद पहला मामला है जब किसी दोषी को फांसी की सजा दी गई है।
यह हृदयविदारक घटना फरवरी 2024 की है, जब आरोपी संजय नट ने अपने पड़ोसी बच्चे को चॉकलेट दिलाने के बहाने घर बुलाया और उसके साथ कुकर्म किया। पोल खुलने के डर से उसने रस्सी से गला घोंटकर बच्चे की हत्या कर दी। इसके बाद शव को बोरी में भरकर ट्रंक में छिपा दिया।
पुलिस ने पड़ोस की एक बच्ची के बयान पर कार्रवाई करते हुए आरोपी के घर की तलाशी ली, जहां से बच्चे का शव बरामद हुआ। आरोपी को उसी समय गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश राम अवतार जी की अदालत में हुई। 20 महीने चली सुनवाई के बाद अदालत ने इसे जघन्य और घृणित अपराध करार देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सहानुभूति का कोई स्थान नहीं है।
विशेष लोक अभियोजक प्रभु नारायण सिंह ने बताया कि यह फैसला समाज में कड़ा संदेश देगा कि बच्चों के खिलाफ ऐसे अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
ब्यूरोचीफ : संजय यादव

Author: Ujala Sanchar
उजाला संचार एक प्रतिष्ठित न्यूज़ पोर्टल और अख़बार है जो स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और अन्य समाचारों को कवर करती है। हम सटीक, विश्वसनीय और अद्यतन जानकारी प्रदान करने के लिए समर्पित हैं।