गाजीपुर: दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के प्राइवेट जय पवहारी बाबा अस्पताल में एक बार फिर झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। प्रसव के दौरान एक गर्भवती महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया, परिजन शव को अस्पताल के सामने रखकर रोष प्रदर्शन करने लगे।
झोलाछाप डॉक्टरों का आतंक, कार्रवाई “शून्य” पर अटकी
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी अस्पतालों का खुलेआम जाल फैला हुआ है। गरीब और अनपढ़ लोगों को इलाज के नाम पर ठगा जाता है। पिछले महीनों में कई गर्भवतियों और मरीजों ने लापरवाही की वजह से अपनी जान गंवाई है लेकिन प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम न उठाए जाने की वजह से ये अस्पताल बेलगाम हैं।
पोस्टमार्टम से परिजनों का इंकार – पुलिस असहाय
सूत्रों के अनुसार पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम कराने की सलाह दी, लेकिन परिजन राज़ी नहीं हुए। उनका साफ कहना है कि अस्पताल प्रशासन पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो। पोस्टमार्टम न होने से पुलिस की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है और कार्रवाई अधर में अटकी है।
घटना के बाद सक्रिय हुए “दलाल”, समझौते का दबाव
घटना के तुरंत बाद इलाके के कुछ कथित दलाल और कमीशनखोर सक्रिय हो गए, जिन्होंने परिजनों को पैसों और दबाव के जरिए समझौता कराने की कोशिश की। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ऐसे दलाल ही फर्जी अस्पतालों को बचाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं, जिससे ये झोलाछाप डॉक्टर लगातार फल-फूल रहे हैं।
दो मासूम बच्चों से छीन गई मां की ममता
मृतका अपने पीछे दो छोटे बच्चे छोड़ गई है —
- शुभम (8 वर्ष)
- अमृता (10 वर्ष)
दोनों बच्चे मां की मौत से बेसहारा हो गए हैं। परिजन बच्चों के भविष्य को लेकर व्यथित हैं और रो-रोकर बेहाल हैं।
मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि नहीं – प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
खबर लिखे जाने तक इस गंभीर मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज होने की पुष्टि नहीं हुई है। अस्पताल पर कार्रवाई की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है—क्या गाजीपुर में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी? या फिर यह मामला भी दलालों के दबाव में रफा-दफा कर दिया जाएगा?
ब्यूरोचीफ : संजय यादव






