Search
Close this search box.

गाजीपुर: हथौड़े से हमले के एक महीने बाद महिला की मौत, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

गाजीपुर: जनपद के थाना शादियाबाद क्षेत्र अंतर्गत ग्राम शाहपुर शमशेर खां में बीते माह दबंगों द्वारा किए गए हथौड़े से जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल 50 वर्षीय महिला शबनम बेगम की इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला ने वाराणसी ट्रॉमा सेंटर में करीब एक महीने तक जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद शनिवार देर रात दम तोड़ दिया।

मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। घटना के बाद से पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पति और पुत्री पर भी हुआ था हमला

परिजनों के अनुसार, हमले के दिन शबनम बेगम के साथ उनके पति और पुत्री पर भी बेरहमी से हथौड़े से वार किया गया था। तीनों गंभीर रूप से घायल हुए थे। इलाज के बाद पति और पुत्री की हालत में सुधार हुआ और वे घर लौट आए, लेकिन शबनम बेगम की हालत लगातार नाजुक बनी रही।

20 दिन तक नहीं हुई गिरफ्तारी

मृतका के बेटे की तहरीर पर पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, इसके बावजूद आरोप है कि करीब 20 दिनों तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करती रही और आरोपियों के ठिकानों की जानकारी पीड़ितों से ही पूछती रही, जबकि आरोपी खुलेआम घूमते रहे।

कोर्ट में ‘सरेंडर’ कराने का आरोप

परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पुलिस को आरोपियों की ठोस जानकारी मिली, तब भी गिरफ्तारी करने के बजाय कथित तौर पर मोटी रकम लेकर आरोपियों को कोर्ट में सरेंडर करा दिया गया। इस घटनाक्रम ने पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गांव में तनाव, निष्पक्ष जांच की मांग

महिला की मौत की सूचना परिजनों ने थाना प्रभारी पवन कुमार उपाध्याय को दी। परिजनों के अनुसार, थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की विवेचना हंसराजपुर चौकी इंचार्ज आनंद कुमार गुप्ता द्वारा की जा रही है।

इधर, महिला की मौत के बाद गांव में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों और परिजनों ने निष्पक्ष जांच, आरोपियों की सख्त गिरफ्तारी और पुलिस भूमिका की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई होती, तो शायद शबनम बेगम की जान बचाई जा सकती थी।

ब्यूरोचीफ: संजय यादव

Leave a Comment

और पढ़ें