नई दिल्ली। देश में होने वाली कुल मौतों में से 57.2 प्रतिशत से अधिक मौतों का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) द्वारा किए गए एक हालिया शोध में सामने आया है।
रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, हृदय रोग अब केवल बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है, बल्कि युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। अध्ययन में बताया गया है कि दिल की बीमारियों से मरने वालों में सबसे अधिक संख्या 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की है, जो समाज के लिए गंभीर चेतावनी मानी जा रही है।
AIIMS के विशेषज्ञों के अनुसार, बदलती जीवनशैली, अनियमित खान-पान, शारीरिक गतिविधियों की कमी, बढ़ता तनाव, धूम्रपान और शराब का सेवन युवाओं में हार्ट डिजीज के प्रमुख कारण बनते जा रहे हैं। समय पर जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इन बीमारियों से होने वाली मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है।
विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, संतुलित आहार लें, व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें और तनाव से बचने के उपाय अपनाएं।
यह रिपोर्ट न केवल स्वास्थ्य विभाग बल्कि आम जनता के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है कि दिल की सेहत को लेकर लापरवाही अब जानलेवा साबित हो सकती है।









