वाराणसी: दिल्ली पब्लिक स्कूल, वाराणसी में बुधवार को आयोजित ‘चेंजमेकर्स डे’ समारोह ने शिक्षा जगत में इतिहास रच दिया। इस अवसर पर यह घोषणा की गई कि विद्यालय को वैश्विक स्तर पर दुनिया के शीर्ष 10 स्कूलों में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि न केवल विद्यालय के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय बन गई।

धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों के स्वागत और पारंपरिक ‘शंखनाद’ से हुई। इसके पश्चात दीप प्रज्वलन और गणेश स्तोत्रम् की प्रस्तुति ने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीएफओ सुश्री स्वाति सुमन श्रीवास्तव (IFS), संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्रा, बीएचयू के प्रो. ब्रिंची कुमार शर्मा, पुरातत्वविद श्री संजय कुमार सिंह, और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
‘एक पेड़ माँ के नाम’ और सतत विकास पर विशेष बल
कार्यक्रम के दौरान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत अतिथियों ने पौधारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। मंच पर सतत विकास लक्ष्यों (SDGs), शिक्षा में नवाचार, सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरणीय चेतना जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
विद्यालय के 22 वर्षों की विकास यात्रा को एक प्रेरक वीडियो और प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थितजनों को भावुक कर दिया।
वैश्विक मंच पर डीपीएस वाराणसी की धमक
विद्यालय के निदेशक सिद्धार्थ राजगढ़िया ने बताया कि डीपीएस वाराणसी के छात्र अब ग्लोबल स्कूल नेटवर्क्स से जुड़कर विश्वस्तरीय परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने “SDG – Save the World” का नारा देते हुए कहा “हमारी शिक्षा केवल अकादमिक उत्कृष्टता नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार, संवेदनशील और परिवर्तनकारी नागरिक तैयार करने का माध्यम है।”
छात्रों का उम्दा संचालन और देशभक्ति से समापन
कार्यक्रम का संचालन छात्राओं आद्या चतुर्वेदी और यशस्विनी सुरेका ने किया। समारोह का समापन ‘वंदे मातरम्’ और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

Author: Ujala Sanchar
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