वाराणसी: अस्सी घाट के पास सील किए गए अवैध निर्माण पर फिर से पक्का निर्माण शुरू कर दिया गया है, जबकि हाई कोर्ट ने गंगा के 200 मीटर दायरे में पक्के निर्माण पर सख्त रोक लगाई है। यह निर्माण वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के नियमों और कार्रवाई की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े करती है।
भेलूपुर क्षेत्र में 2400 वर्गफीट में बिना स्वीकृत मानचित्र के हो रहे अवैध निर्माण पर वीडीए ने पहले सख्त कदम उठाए थे। उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 की धाराओं 27, 28 (i), और 28 (ii) के तहत नोटिस जारी करने के बाद निर्माण को सील कर दिया गया था। सीलिंग के समय जोनल अधिकारी प्रमोद तिवारी और अवर अभियंता राकेश कुमार सिंह ने निगरानी की थी।
इसके बावजूद, निर्माणकर्ता ने कानून को दरकिनार कर भूतल पर पिलर खड़े करके काम फिर शुरू कर दिया। निर्माण स्थल को आगे की निगरानी के लिए भेलूपुर थाने को सौंपा गया था, लेकिन अवैध निर्माण को काले पर्दे से ढककर चालू रखा गया है।
सूत्रों की मानें तो निर्माणकर्ता ने वीडीए के कुछ अधिकारियों को कथित तौर पर मोटी रिश्वत देकर निर्माण कार्य जारी रखा है। यह घटनाक्रम स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाता है। अब देखना यह होगा कि वीडीए और प्रशासन इस अवैध गतिविधि पर किस तरह की ठोस कार्रवाई करते हैं और गंगा किनारे की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।

Author: Ujala Sanchar
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