मिर्जापुर: साहित्य क्षितिज और विवेकानंद शिक्षा समिति के तत्वाधान में ए एस जुबिली इंटर कॉलेज सभागार में रविवार को स्वामी विवेकानंद जयंती और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर डॉ रमाशंकर शुक्ल को विवेक रत्न और विनय तिवारी को विवेक गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि अपर आयुक्त डॉ0 विश्राम यादव ने कहा की सन 1860 से 70 के दशक के बीच भारत की तीन विभूतियों ने पूरी दुनिया को अपने वैचारिक क्रांति से आलोकित किया। ये थे रविंद्र नाथ टैगोर, महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद।
कवि सम्मेलन में डॉक्टर कमलेश राजहंस ने मानव मन को झकझोर देने वाली राष्ट्रभक्ति की कविताएं पढ़ी। गणेश गंभीर ने कहा, जो बेकसूर थे वे भी कसूरवार हुए, अदालतों में ऐसे केस कई हजार हुए। राधेश्याम भारती ने हास्य व्यंग्य की सिलसिलेवार कई कविताओं को सुना कर महफिल को लोटपोट कर दिया।
लल्लू तिवारी ने कहा “वक्त आने का इंतजार करो, वक्त आने में वक्त लगता है। सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने कहा, उगता है सूरज तो आकाश बदल जाता है ऐ दीपक तू अपनी अपनी ज्वलनशीलता पर इतराता है।
डॉ0 रमाशंकर शुक्ल ने कहा, परदादा ने कहा जमीन हमारी है दादा ने कहा जमीन हमारी है पिता ने कहा जमीन हमारी है जमीन जहां थी वही है अब हमारी बारी है।
श्याम अचल ने कहा, यह राम नाम तो सभी मंत्रों का मूल है। नंदिनी वर्मा ने कहा विद्या देवी शीश पर हमारे वर दो। पूजा यादव ने बेटियों पर बहुत भावपूर्ण कविताएं सुनाई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉक्टर अनुज प्रताप सिंह ने और संचालन कमलेश राजहंस ने किया। आभार प्रकाशन विवेकानंद शिक्षा समिति के प्रबंध निदेशक अनुज श्रीवास्तव ने किया।
इस मौके पर सेवानिवृत जज श्री प्रकाश, वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश त्रिपाठी, गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, केदारनाथ दुबे, गणेश प्रसाद सिंह, विनोद तिवारी, डॉ0 भुवनेश्वर, दीपक शर्मा, दीपक शर्मा, राजकुमार मिश्रा, प्रशांत, शैलेंद्र, हर्ष, उन्नति आदि लोग उपस्थित थे।
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